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अब मुसलमान को सिर्फ दो बार इस्लाम याद आता है : सरेशवाला

मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के चांसलर व प्रसिद्ध उद्योगपति जफर यूनुस सरेशवाला का मानना है कि अब मुसलमान को सिर्फ दो बार इस्लाम याद आता है। सरेशवाला आज जामिया उर्दू के स्थापना दिवस पर शिकरत करने अलीगढ़ पधारे थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 17 Apr 2015 03:12 PM (IST)
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लखनऊ। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के चांसलर व प्रसिद्ध उद्योगपति जफर यूनुस सरेशवाला का मानना है कि अब मुसलमान को सिर्फ दो बार इस्लाम याद आता है। सरेशवाला आज जामिया उर्दू के स्थापना दिवस पर शिकरत करने अलीगढ़ पधारे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले जफर यूनुस सरेशवाला ने समारोह में मुसलमानों की स्थिति पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अब तो मुसलमान वाकई में मुसलमान है ही नहीं। वह काफी गिर चुका है। हर जगह पर मुसलमान कुछ न कुछ मांगता फिर रहा है। कभी हर जगह रिजरवेशन मांग रहा है तो कहीं पर सारी सुविधा। उन्होंने कहा कि हकीकत तो यह है कि मुसलमानों को न तो शिक्षा में रिजरवेशन की जरूरत है और न ही नौकरी में।

उन्होंने कहा कि अब तो मुसलमान को इस्लाम सिर्फ दो बार याद आता है। एक बार उस समय जब अपनी बीवी को तलाक देना होता है और दूसरी बार तब जब बाप की मौत हो जाती है। सिर्फ गोश्त खाने से नहीं बल्कि अपनी क्वालिटी से मुसलमान होना गर्व का विषय है।

सरेशवाला ने कहा कि गुजरात के फसाद पर बात होती है। यह कोई नई चीज नहीं रह गई। वहां पर 2002 में फसाद हुए थे, अब हालात बिल्कुल बदले हुए हैं। गुजरात से पहले भी देश में कई जगह पर फसाद हुए थे, लेकिन उन सबकी उतनी चर्चा नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचे का बातचीत से हल निकले तो काफी बेहतर होगा।

इस अवसर पर उनको जामिया उर्दू ने दख्तूर-ए-अदब पुरस्कार से भी नवाजा। जफर सरेशवाला एएमयू की सेलेक्शन कमेटी के राष्ट्रपति की ओर से नामित मेंबर भी हैं। सरेशवाला बीते माह जयपुर में आल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक से बाहर होने के कारण खासे चर्चा में थे। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंट होने का आरोप लगा था।

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