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अब गलत खाते में नहीं जाएगी छात्रवृत्ति-पेंशन

लखनऊ (राजीव दीक्षित)। समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति और पें

By Edited By: Updated: Sun, 05 Jan 2014 09:25 AM (IST)
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लखनऊ (राजीव दीक्षित)। समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति और पेंशन की धनराशि अब गलत बैंक खातों में नहीं पहुंचेगी। अब नयी व्यवस्था के तहत 2014-15 से अब इस धनराशि का भुगतान ट्रेजरी के जरिये ई-पेमेंट से होगा। इसके लिए सरकार ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर से पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है।

अभी तक गलत खाते में धनराशि पहुंचने से हर साल हजारों लाभार्थियों को सरकारी इमदाद देर से मिलती थी या फिर वे इससे वंचित रह जाते थे। यही नहीं, फर्जी खाते खुलवाकर विभागीय और बैंक अधिकारी भी मिलीभगत से योजनाओं की धनराशि के गबन से भी नहीं चूकते थे। अब इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने को पीएफएमएस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा। कोर बैंकिंग साल्यूशन (सीबीएस) अपनाने वाले सभी बैंक पीएफएमएस साफ्टवेयर से जुड़े हैं। किसी भी लाभार्थी का बैंक खाता विवरण सॉफ्टवेयर में दर्ज होते ही यह जानकारी बैंक के साफ्टवेयर से सत्यापित हो जाती है। बैंक तस्दीक करके कि अमुक खाता लाभार्थी का है या नहीं, खाता नंबर सही है या नहीं, यदि कोई सह-खातेदार है तो वह कौन है, लाभार्थी ने जो पता दिया है, वह बैंक में दर्ज कराये गए पते से मेल खाता है या नहीं, यह सभी जानकारियां विभाग को मुहैया करा देगा।

प्रायोगिक तौर पर लखनऊ से इसकी शुरुआत भी हो गई है। पीएफएमएस में जरूरी संशोधन कराकर चालू वित्तीय वर्ष में 90 हजार वृद्धावस्था पेंशनधारकों को पेंशन की दूसरी किस्त का भुगतान किया जा रहा है। बीती 28 दिसंबर को लखनऊ कलेक्ट्रेट के कोषागार में 1108 लाभार्थियों को नई विधि से पेंशन का भुगतान किया गया। इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारियों और कोषागार के नामित अधिकारियों को एनआइसी के जरिये डिजिटल सिग्नेचर उपलब्ध करा दिये गए हैं।

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एसएमएस से मिलेगी जानकारी

ऐसी भी व्यवस्था की जा रही है कि जिन लाभार्थियों के पास स्वयं या परिवार के किसी अन्य सदस्य के पास मोबाइल फोन है, उन्हें धनराशि के खाते में पहुंचते ही इसकी सूचना एसएमएस के जरिये मिल जाए। इससे लाभार्थियों को व्यर्थ में बैंक के चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा। यह भी पता चल सकेगा कि कब खाते में कितनी धनराशि आई।

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300 करोड़ रुपये वापस

गलत खातों में पहुंची धनराशि नोशनल खातों में वापस डाली जाती थी। अक्सर विभागीय अधिकारी बैंक अफसरों से साठगांठ कर इस धनराशि का गबन कर लेते थे। खोले गए नोशनल खाते इस साल से बंद करा दिये गए हैं। इन खातों में जमा 300 करोड़ रुपये सरकार को वापस किये गए।

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इतने हैं लाभार्थी

-40 लाख वृद्धावस्था पेंशनधारक

-25 लाख रानी लक्ष्मीबाई पेंशनधारक

-30 लाख दशमोत्तर छात्र

-20 लाख पूर्व दशम छात्र

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