लखनऊ से गोरखपुर का सफर होगा सुहावना
लखनऊ। अब लखनऊ से गोरखपुर के सफर में कई घंटे नहीं लगेंगे। आने वाले समय में यह सफर याि
लखनऊ। अब लखनऊ से गोरखपुर के सफर में कई घंटे नहीं लगेंगे। आने वाले समय में यह सफर यात्रियों के लिए सुहावना होगा। 280 किमी का यह सफर जुलाई 2014 से पांच से छह घंटे के बजाए चार घंटे में सुपरफास्ट ट्रेनें पूरा कर सकेंगी। डीआरएम जगदीप राय के मुताबिक वर्तमान समयसारिणी के मुताबिक ट्रेनें चलेंगी। भविष्य में रेल प्रशासन दोहरीकरण का फायदा उठाते हुए ट्रेनों की गति में बढ़ोतरी करेगा। उस दौरान नई समयसारिणी में भी फेरबदल के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा। तब यह सफर चार घंटे में पूरा हो सकेगा। साथ ही अन्य ट्रेनें भी बढ़ाई जा सकेंगी।
उन्होंने बताया कि बाराबंकी से जहांगीराबाद के बीच सिंगल लाइन के कारण ट्रेनों को एक-एक करके लिया जाता था। ऐसे में कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता था। यह समय अब बच सकेगा। लखनऊ स्टेशन व यार्ड से निकलने वाली ट्रेनों के ड्राइवर व गार्ड को भी राहत मिलेगी, क्योंकि रास्ते में कोई क्रॉसिंग नहीं होगी।
बाराबंकी से बुढ़वल के बीच उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी विकास चौबे के दिशा निर्देश पर मंडल परिचालन अधिकारी वाईके त्रिपाठी के नेतृत्व में यह कार्य चौबीसों घंटे चल रहा था।
ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी : रेल प्रशासन के मुताबिक अभी तक सिर्फ इस कारण ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ाई जाती थी, क्योंकि बाराबंकी से जहांगीराबाद के बीच ट्रेनों का जमावड़ा लगता था। अब इंटरलॉकिंग होने के बाद गोरखपुर से जरूरत के हिसाब से नई ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो सकेगा।
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