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सपा 60 लोकसभा सीटें जीतेगी

लखनऊ। प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव के पास यूं तो कई अहम महकमों की जिम्मेदार

By Edited By: Updated: Fri, 28 Feb 2014 10:17 AM (IST)
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लखनऊ। प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव के पास यूं तो कई अहम महकमों की जिम्मेदारी है, लेकिन संगठन और कार्यकर्ताओं पर भी उनकी मजबूत पकड़ है। पार्टी मुखिया मुलायम सिंह ने उन्हें लोकसभा चुनाव संचालन समिति का अगुआ बनाया है। दैनिक जागरण ने उनसे समाजवादी पार्टी की चुनावी तैयारियों व रणनीति पर बातचीत की-

सूबे में आपकी सरकार है। कितनी सीटों की उम्मीद करते हैं?

पार्टी के लिए यह प्रतिष्ठा का चुनाव है। यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया गया है। हमे पूरा भरोसा है कि सपा यूपी में कम से कम साठ सीटें जीतेगी।

उम्मीदें काफी ज्यादा हैं। कैसे हासिल होगा यह लक्ष्य?

हम लोगों के सरोकारों से जुड़े हुए हैं। उनके अधिकारों की बात करते हैं। गरीबों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार की बात हमने छेड़ी है। हमारे पास मजबूत संगठन है। समर्पित कार्यकर्ता हैं। आने वाला समय यानी चुनाव का परिणाम हमारी ताकत बता देगा।

लेकिन संगठन गुटबंदी का भी शिकार है। चुनाव पर इसका असर पड़ेगा?

अपनी बात रखने को गुटबंदी नहीं कहा जा सकता, ये पार्टी के अन्दर जीवंत लोकतंत्र का प्रतीक है। तर्को में उभरी खामियों को दूर करने में आसानी होती है। हां, कोई साजिशन गड़बड़ी करेगा तो फिर कार्रवाई तय है।

तब सपा महानगरीय सीटों पर खाता क्यों नहीं खोल पायी?

यह सही है कि कुछ सीटों पर हमें अब तक जीत नहीं मिल पायी। लेकिन इस बार महानगरीय सीटों पर समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी जीतेंगे। बेरोजगारी भत्ता सरीखी कई योजनाओं से ज्यादा लाभ शहरी युवाओं को ही हुआ है।

फिर प्रत्याशियों को लेकर असमंजस क्यों? बार-बार प्रत्याशी क्यों बदल रहे हैं?

प्रत्याशी बदलने का फैसला कई कारणों से होता है। पार्टी में सब को साथ लेकर चलना पड़ता है। हर नेता और कार्यकर्ता की उपयोगिता अलग-अलग होती है। चुनाव सिर्फ एक व्यक्ति लड़ता है और पूरी पार्टी उसे लड़ाती है। प्रत्याशी बदलना संसदीय बोर्ड का अधिकार होता है। जिसे भी टिकट दिया गया है, उसे पूरी पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ाएगी।

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