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छठे दिन काम ठप, कर्मचारी लामबंद और दफ्तर में तालाबंद

उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय में कर्मचारियों के आंदोलन का कोई ओर-छोर नहीं दिख रहा है। इसीलिए लगातार चौथे दिन निदेशालय में ताले लटके रहे जबकि छठे दिन कोई कामकाज नहीं हो सका है। कर्मचारियों ने एकजुट होकर जनसभा की और निदेशालय को तोडऩे की साजिश में शामिल अफसरों को जमकर

By Nawal MishraEdited By: Updated: Tue, 22 Dec 2015 10:27 PM (IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय में कर्मचारियों के आंदोलन का कोई ओर-छोर नहीं दिख रहा है। इसीलिए लगातार चौथे दिन निदेशालय में ताले लटके रहे जबकि छठे दिन कोई कामकाज नहीं हो सका है। कर्मचारियों ने एकजुट होकर जनसभा की और निदेशालय को तोडऩे की साजिश में शामिल अफसरों को जमकर कोसा।

शिक्षा निदेशालय से बजटीय कार्य मंडल मुख्यालयों को देने एवं कर्मचारियों की मांगों न पूरा करने व समस्याओं की अनदेखी से खफा कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने मंगलवार को भी निदेशालय परिसर में तालाबंदी बरकरार रखी। एकजुट होकर कर्मचारियों ने परिसर में नारेबाजी की और मुख्य गेट पर सभा करके अफसरों को जमकर कोसा। कर्मियों ने कहा है कि आंदोलन मांगे माने जाने तक जारी रहेगा। शिक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ ने दूसरी बार आंदोलन छेड़ा है। दो दिन तक कार्य बहिष्कार के बाद गुरुवार से निदेशालय में बेमियादी तालाबंदी हुई। कर्मचारियों ने संघ के उपाध्यक्ष राकेश कुमार की अगुवाई में परिसर में नारेबाजी की और मेन गेट पर सभा की। राकेश ने कहा कि प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा व शिक्षा निदेशक माध्यमिक निदेशालय को तोडऩे की साजिश कर रहे हैं। इसीलिए कार्य दूसरी जगह भेजे जा रहे हैं और कर्मचारियों की समस्याएं न सुलझाकर उन्हें उत्पीडि़त किया जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं होगा। यहां श्रीकांत वर्मा, अनिल कुमार, सुरेंद्र सिंह, अमरनाथ थे।

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