Move to Jagran APP

सपा आर-पार के मूड में

सपा आर-पार के मूड में लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। लोकसभा चुनावों के एलान से पहले शुरू होने जा रहे सं

By Edited By: Updated: Wed, 05 Feb 2014 02:04 AM (IST)
Hero Image

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। लोकसभा चुनावों के एलान से पहले शुरू होने जा रहे संसद सत्र में समाजवादी पार्टी यूपी की 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की पुरजोर मांग उठाएगी। जरूरत पड़ने पर पार्टी सदन से बहिर्गमन का भी फैसला ले सकती है।

सपा सरकार अब मुस्लिम, पिछड़ा, ब्राह्मण गठजोड़ में 17 अति पिछड़ी जातियों को जोड़ने के प्रयास में है। अति पिछड़े वर्ग के उसके नुमाइंदे सामाजिक अधिकार यात्राएं निकाल रहे हैं। बुंदेलखंड से पूर्वाचल तक के शहरों और कस्बों से उनकी यात्राएं गुजर चुकी हैं। राजनीतिक दलों के आंकड़ों पर भरोसा करें तो अति पिछड़े वर्ग के मतदाता राज्य के चुनावी समीकरण में उलटफेर की स्थिति में हैं। सूबे की 80 में से 35 लोकसभा सीटों पर कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी और मछुआ जाति की तदाद डेढ़ से दो लाख के करीब हैं। कुछ सीटों पर यह संख्या तीन लाख के करीब तक है। सपा इन्हें अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने की लड़ाई लड़ रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 17 पिछड़ी जातियों को एससी का दर्जा देने के लिए 17 फरवरी 2013 को केंद्र सरकार को पत्र लिखा। फिर 16 दिसंबर 2013 को स्मरण पत्र लिखा, मगर केंद्र सरकार ने न कोई कार्रवाई की और न ही इन पत्रों का जवाब दिया।

सपा के रणनीतिकारों का कहना है कि आखिरी संसद सत्र में पार्टी 17 अति पिछड़ों को अनुसूचित जाति का दर्जा के लिए आरपार की लड़ाई लड़ेगी। जरूर पड़ने पर सदन के बहिर्गमन से लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव तक ला सकती है।

अति पिछड़ी जातियों को न्याय के लिए यात्राएं निकाल रहे कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त डॉ.राजपाल कश्यप और एमएलसी नरेश उत्ताम का कहना है कि सपा के अलावा कोई दल अति पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पहले भी इन जातियों को न्याय दिलाने के लिए संसद में आवाज उठा चुके हैं। संसद के बजट सत्र में पार्टी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।