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विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ने पेश किया अनुपूरक और अंतरिम बजट

16वीं विधानसभा के अंतिम सत्र को सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए बुलाई गई बैठक बाद भी पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया।

By Ashish MishraEdited By: Updated: Wed, 21 Dec 2016 06:59 PM (IST)

लखनऊ (जेएनएन)। सोलहवीं विधानसभा के अंतिम व शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने तेवर दिखाए जिसके चलते प्रश्न काल नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री अखिलेश ने चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट और 2017-18 का अंतरिम बजट व लेखानुदान पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव के निधन पर शोक के बाद सदन गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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चुनाव पूर्व अंतिम सत्र होने के कारण सरकार और विपक्ष पूरी तैयारी से सदन में पहुंचे। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बसपा, भाजपा, रालोद और अपना दल के सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। पहले पहुंचने की होड़ में भाजपा व बसपा के सदस्य आपस में उलझ भी गए। बसपा के सदस्य जहां सरकार विरोधी नारे लिखी नीली टोपी पहने हाथों में बैनर भी लहरा रहे थे, वहीं भाजपाइयों का गुस्सा संसदीय कार्य मंत्री आजम खां को लेकर ज्यादा था। बुलंदशहर रोड पर हुए सामूहिक दुष्कर्म को लेकर आजम के बयान पर इस्तीफा देने की मांग कर रहे भाजपाई हाथों में बैनर भी लिए हुए थे।

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भाजपा के डा.राधामोहनदास अग्रवाल, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, धर्मपाल सिंह, सतीश महाना, राजीव गुंबर, कपिलदेव अग्रवाल, उपेंद्र तिवारी, सत्यप्रकाश अग्रवाल, लोकेंद्र सिंह, विमला बाथम, कृष्णा पासवान, विमला सोलंकी व रविंद्र भड़ाना आदि नारेबाजी करते हुए वेल में ही बैठ गए। उधर रालोद के पूरन प्रकाश, अपना दल के आरके वर्मा भी सरकार विरोधी रुख अख्तियार किए हुए थे। बसपा के गजेंद्र सिंह, इंद्रजीत सरोज, उमाशंकर, लोकेश दीक्षित और वेदराम आदि दंगाइयों की सरकार बर्खास्त करो, गन्ना किसानों का उत्पीडऩ बंद करो, महिला, दलित अत्याचार बंद करो, अल्पसंख्यकों से किए वादे पूरे करो जैसे नारे लगा रहे थे। विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने माहौल शांत करने की कोशिश की परंतु कामयाबी न मिल सकी। इस पर पांडेय ने प्रश्नकाल समाप्त करते हुए सदन की कार्यवाही को दोपहर 12.20 बजे तक स्थगित कर दिया।

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बैठक दोबारा शुरू होने पर भी कांग्रेस को छोड़कर समूचा विपक्ष वेल में था। आजम खां से इस्तीफा देने और सरकार बर्खास्त करने के नारे गंजते रहे। हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनुपूरक व अंतरिम बजट और लेखानुदान पेश किए। इससे पूर्व सत्र आरम्भ होने से पहले बुधवार को सुबह सभी दलों ने अपने विधायकों की बैठक बुलायी जिसमें उठाए जाने वाले मुद्दों को फाइनल करने के साथ सदन के भीतर की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।

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