यूपी भाजपा का संकट खत्म, विधानपरिषद की पांचवी सीट के लिये भी उप चुनाव
निर्वाचन आयोग ने ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे से खाली सीट पर भी उपचुनाव का फैसला लिया। नामांकन के पहले दिन मंगलवार को कोई पर्चा नहीं भरा गया।
By Ashish MishraEdited By: Updated: Wed, 30 Aug 2017 09:19 AM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। विधान परिषद की पांचवीं रिक्त सीट पर भी उपचुनाव कराने से भाजपा का आतंरिक संकट भी खत्म हो गया। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा समेत पांच लोगों के उच्च सदन पहुंचने का रास्ता साफ हो गया।
परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और मोहसिन रजा को लेकर बनी ऊहापोह की स्थिति भी समाप्त हो गयी। सरकार को पांच सीटों की जरूरत थी जो भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय से पूरी हो गयी। मंगलवार को आयोग ने जयवीर सिंह के त्यागपत्र से खाली विधायक कोटे की सीट पर भी उपचुनाव कार्यक्रम जारी किया है। वहीं मंगलवार को नामांकन के पहले दिन कोई पर्चा नहीं भरा गया है। अपर निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को एक नामांकन पत्र भाजपा की ओर से हनुमान नाम से खरीदा गया।
पांचवीं सीट के लिए सात सितंबर तक नामांकन : मुख्य निर्वाचन अधिकारी अमृता सोनी ने मंगलवार को उपचुनाव कार्यक्रम जारी करते हुए बताया कि 31 अगस्त को अधिसूचना लागू होते ही विधानपरिषद की पांचवीं सीट के लिए भी नामांकन पत्र जमा होंगे। सात सितंबर तक नामांकन दाखिल करने के बाद आठ सितंबर को जांच होगी। नाम वापसी 11 सिंतबर तक होगी और 18 सितंबर को मतदान के तुरंत बाद मतगणना होगी।
पांचवीं सीट के लिए सात सितंबर तक नामांकन : मुख्य निर्वाचन अधिकारी अमृता सोनी ने मंगलवार को उपचुनाव कार्यक्रम जारी करते हुए बताया कि 31 अगस्त को अधिसूचना लागू होते ही विधानपरिषद की पांचवीं सीट के लिए भी नामांकन पत्र जमा होंगे। सात सितंबर तक नामांकन दाखिल करने के बाद आठ सितंबर को जांच होगी। नाम वापसी 11 सिंतबर तक होगी और 18 सितंबर को मतदान के तुरंत बाद मतगणना होगी।
बता दे कि निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव संपन्न कराने के लिए 18 सितंबर आखिरी तारीख तय की थी। उल्लेखनीय है कि विधानपरिषद की जिन चार सीटों के लिए उपचुनाव का 24 अगस्त को कार्यक्रम जारी किया गया। उसके तहत नामांकन कार्य 29 अगस्त से पांच सितंबर तक चलेगा। छह सितंबर से नामांकन जांच और आठ सितंबर को नाम वापसी होगी। 15 सितंबर को मतदान होगा और मतगणना भी होगी।
समायोजन संशय निपटा, बेफिक्र भाजपा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा विधान मंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। मंगलवार तक सिर्फ चार लोगों के विधान परिषद सदस्य बन पाने का इंतजाम हो सका था परंतु आयोग के ताजा फैसले से पांचवें के समायोजन का संशय भी खत्म हो गया। इससे स्वतंत्रदेव सिंह और मोहसिन रजा दोनों का रास्ता साफ हो गया।
मोहसिन विरोधी लामबंद : पांचवीं सीट का मसला भले ही निपट गया हो लेकिन, भाजपा में एक खेमा विवादों में घिरे राज्य मंत्री मोहसिन रजा की छुट्टी कराने के लिए घेराबंदी में जुटा है। सूत्रों का कहना है कि पांचवीं सीट के लिए नए चेहरे को उतारा जा सकता है। चर्चा है कि तीन तलाक मुद्दे को भुनाने के लिए पार्टी अल्पसंख्यक कोटे से किसी महिला का समायोजन कर सकती है। सुर्खियों में रही शाइस्ता अंबर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा रुमाना सिद्दीकी का नाम चर्चाओं में है। इसके अलावा अल्पसंख्यक मोर्चे से हैदर चांद को भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
अंबिका चौधरी की रिक्त सीट पर सवाल : ठाकुर जयवीर सिंह की सीट पर उपचुनाव कराने का कार्यक्रम जारी होने के साथ ही विधायक कोटे से चुने गए अंबिका चौधरी के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर सवाल उठ रहा है। अंबिका चौधरी का कार्यकाल भी जयवीर के साथ पांच मई 2018 को पूरा होना था। ऐसे में अंबिका की सीट पर उपचुनाव न कराना चर्चा में है। इस बारे में अंबिका चौधरी का कहना है कि उपचुनाव कराना निर्वाचन आयोग का फैसला होता है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा विधान मंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। मंगलवार तक सिर्फ चार लोगों के विधान परिषद सदस्य बन पाने का इंतजाम हो सका था परंतु आयोग के ताजा फैसले से पांचवें के समायोजन का संशय भी खत्म हो गया। इससे स्वतंत्रदेव सिंह और मोहसिन रजा दोनों का रास्ता साफ हो गया।
मोहसिन विरोधी लामबंद : पांचवीं सीट का मसला भले ही निपट गया हो लेकिन, भाजपा में एक खेमा विवादों में घिरे राज्य मंत्री मोहसिन रजा की छुट्टी कराने के लिए घेराबंदी में जुटा है। सूत्रों का कहना है कि पांचवीं सीट के लिए नए चेहरे को उतारा जा सकता है। चर्चा है कि तीन तलाक मुद्दे को भुनाने के लिए पार्टी अल्पसंख्यक कोटे से किसी महिला का समायोजन कर सकती है। सुर्खियों में रही शाइस्ता अंबर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा रुमाना सिद्दीकी का नाम चर्चाओं में है। इसके अलावा अल्पसंख्यक मोर्चे से हैदर चांद को भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
अंबिका चौधरी की रिक्त सीट पर सवाल : ठाकुर जयवीर सिंह की सीट पर उपचुनाव कराने का कार्यक्रम जारी होने के साथ ही विधायक कोटे से चुने गए अंबिका चौधरी के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर सवाल उठ रहा है। अंबिका चौधरी का कार्यकाल भी जयवीर के साथ पांच मई 2018 को पूरा होना था। ऐसे में अंबिका की सीट पर उपचुनाव न कराना चर्चा में है। इस बारे में अंबिका चौधरी का कहना है कि उपचुनाव कराना निर्वाचन आयोग का फैसला होता है।