मोहब्बत पर पाबंदी नहीं लगा सकता : मुख्यमंत्री
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। बढ़ते अपराध और धर्मातरण के आरोपों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अब पलटवार श
By Edited By: Updated: Sat, 23 Aug 2014 08:44 PM (IST)
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। बढ़ते अपराध और धर्मातरण के आरोपों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अब पलटवार शुरू किया है। उन्होंने कहा है कि एक-दूसरे से परिचय के चलते कुछ वारदात हुईं, लेकिन विपक्षी दलों ने राजनीतिक लाभ के लिए इन्हे दूसरा रूप दे दिया। बदायूं और अंबेडकरनगर का सच सामने है। बोले, 'क्या मोहब्बत पर पाबंदी लगा दें।'
सपा प्रदेश कार्यालय पर शनिवार को पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि बदायूं में कुछ लोगों ने लड़कियों की जाति बदल दी। जो कभी यूपी का रुख नहीं करते वह भी पहुंच गए। बसपा का नाम लिए बगैर कहा कि एक दल तो सरकारी मदद लेने से मना कराकर खुद पैसा भी दे आए। कुछ लोग पीछे से भी पैसा दे आए। अब सीबीआइ इसकी भी जांच कर रही है। इस प्रकरण को अमेरिका से लेकर यूएन तक पहुंचा दिया गया। अब सच्चाई खुल गई तो क्या वह मुख्यमंत्री के नाते अमेरिका, यूएन को सीधे पत्र लिख दें। प्रोटोकाल के हिसाब से विदेश मंत्रालय पत्र आगे बढ़ाता है।मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ लोग ऐसे मामलों को बिजनेस समझने लगे हैं। नोएडा और गाजियाबाद की घटना की सीबीआइ जांच की मांग क्यों नहीं हुई। लोग यूपी सरकार का मुकाबला सड़क निर्माण, तीन शहरों में मेट्रो शुरू करने से नहीं कर सकते हैं। वह राजनीतिक लाभ के लिए सिर्फ दुष्प्रचार में लगे हैं जिसका सच भी सबके सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि फैजाबाद की घटना में युवती से परिचय के ढेरों साक्ष्य हैं। ऐसा ही मेरठ के मामले में भी है। फिर भी माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह करने पर सरकारें पारितोषिक देती हैं। यह व्यवस्था सपा सरकार ने नहीं की है। पता करिए तब कौन मुख्यमंत्री था।मंत्री पर निशाना : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का नाम लिए बगैर अखिलेश ने चुटकी लेने के अंदाज में कहा कि भाजपा के बड़े मंत्री ने 'दिल्ली में दुष्कर्म की एक छोटी घटना' के विश्व में प्रचार से पर्यटन के क्षेत्र में लाखों डॉलर के नुकसान की बात कही थी' मगर ताजमहल देखने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में तो इजाफा हुआ है।
नरेश को टोका : सांसद नरेश अग्रवाल ने जब प्रदेश सरकार की आलोचना के लिए मीडिया को निशाने पर लिया तो मुख्यमंत्री ने टोकते हुए कहा, इस मुद्दे को छोड़िए। इसकी वजहें कुछ दूसरी हैं।
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