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बुलंदशहर गैंगरेप के मुख्य आरोपी से पुलिस ने ली थी रिश्वत

रईस ने महीने भर पहले एक ढाबे पर डकैती डालकर दर्जन भर ट्रक ड्राइवर और ढाबा मालिक से लाखों रुपए की लूट की थी। पुलिस ने इस मामले में अपनी जेब गर्म करके रईस को छोड़ दिया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2016 04:55 PM (IST)
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लखनऊ (वेब डेस्क)। बुलंदशहर के रोड होल्ड अब के बाद मां-बेटी से गैंगरेप के मामले में पुलिस की बावरिया गैंग की थ्योरी झूठ साबित हुई है। पुलिस ने इस मामले के जिस मुख्य आरोपी रईस को जेल भेजा है, वह पिछले कई महीनों से अपने गैंग के साथ इलाके में लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा था।

आरोपी रईस ने महीने भर पहले एक ढाबे पर डकैती डालकर दर्जन भर ट्रक ड्राइवर और ढाबा मालिक से लाखों रुपए की लूट की थी, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में क्राइम कंट्रोल के चक्कर में यह केस दर्ज नहीं किया गया। पुलिस ने इस मामले में अपनी जेब गर्म करके रईस को छोड़ दिया था।

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नेशनल हाईवे के नये बाईपास के पास एमएस इंस्टीट्यूट के बाहर सोनू के साथ उनकी पत्नी राजकुमारी ढाबा चलाते हैं। छोटे ढाबा में चाय मिलती है। ढाबा के पास के गांव सुतारी का रईस अक्सर इस ढाबे पर गांजे की सिगरेट पीने आता था। 30 जून 2016 की रात को करीब 11 बजे रईस सिगरेट पीकर चला गया और फिर उसने अगले एक घंटे में ढाबे के दो चक्कर लगाये।रात करीब 2 बजे 9 बदमाशों ने हथियारों समेत ढाबे पर धावा बोला।

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ढाबा संचालक सोनू बताते है कि इन बदमाशों में रईस को उन्होंने पहचान लिया। उसने चेहरे पर कपड़ा बांध रखा था। वह ढाबे में रखे कीमती सामान को बिना तलाश के निकाल लेता था। उसने गुल्लक में रखे करीब 18 हजार रूपये निकाल लिए। इसके बाद बदमाशों ने ट्रक ड्राइवरों समेत सभी के हाथ-पैर बांधे और सबकी जेबों से नकदी और मोबाइल फोन लूट लिया। यह पूरा मामला करीब डेढ़ घंटे तक चलता रहा।

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सोनू ने बताया कि सड़क के दूसरी ओर खड़े ट्रक में सो रहे ड्राईवर को बदमाशों ने खिड़की खोलने की चेतावनी दी। ड्राईवर ने बदमाशों को देखकर खिड़की नहीं खोली और गाड़ी स्टार्ट कर दी। इतने में एक बदमाश ने उसके ऊपर गोली चला दी। गोली ड्राइवर के गाल को छीलती हुई निकल गयी, लेकिन ड्राइवर ने ट्रक को चोला पुलिस चौकी की ओर दौड़ा दिया।

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ड्राइवर सीधा चौकी पहुंचा था, सोनू बताते हैं, पुलिस चौकी इंचार्ज प्रदीप यादव पुलिस बल के साथ आये और उन्होंने उन्हें और उनकी पत्नी को जमकर धमकाया। इतना ही नहीं सोनू ने बताया कि पुलिस ने उनकी पत्नी पर धंधा करने का आरोप लगा दिया। इस पुलिस ने वारदात पर मुंह बंद रखने की धमकी दी। बाद में मौके पर जब कोतवाल रामसेन आ गये तो सारे ट्रक ड्राइवरों को पुलिस ने लाठी के बल पर भगा दिया। सभी पीडि़त केस दर्ज करने की गुहार लगा रहे थे।

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इसके बाद पुलिस ने उनको थाने बुलाकर धमकी दी कि अगर केस दर्ज कराया तो ढाबा बंद करा देंगे। सोनू ने पुलिस को वारदात में रईस के शामिल होने की बात भी बताई थी, लेकिन बाद में पता चला कि चौकी इंचार्ज देवेंद्र यादव और दारोगा सतपाल गौड़ ने रईस को रिश्वत लेकर छोड़ दिया।

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बुलंदशहर के खुर्जा देहात के धराऊँ गांव में निर्माणाधीन कोल्डस्टोर पर 24 जुलाई को हुई डकैती और महिलाओं से रेप के मामले को अंजाम देने का शक भी रईस के गैंग पर है। पुलिस पर आरोप है कि वारदात के बाद पुलिस ने पीडि़त परिवारों को वहां से पलायन के लिए भी मजबूर किया। इसके अलावा कोतवाली देहात में 15 दिन पहले हुए लूट और रेप के मामले पर भी पुलिस ने पर्दा डाला था, इस वारदात का शक भी रईस के गैंग पर है।

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एसएसपी अनीस अहमद अंसारी से जब वारदातों में पुलिस की कार्यशैली पर जबाब मांगा गया तो उन्होंने बताया कि सारे मामलों की जांच कराई जा रही है। किसी भी दोषी पुलिसकर्मी को किसी भी मामले से बचाया नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई होगी।

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