मुलायम-अखिलेश ने पौधा रोप कर बनाया ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’
आज उत्तर प्रदेश में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम की निगरानी में पांच करोड़ पौधे रोपे जाएंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानपुर देहात और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह लखनऊ में रहेंगे।
By Ashish MishraEdited By: Updated: Mon, 11 Jul 2016 04:13 PM (IST)
लखनऊ (जेएऩएऩ)। 'ग्रीन यूपी-क्लीन यूपी अभियान की शुरूआत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने राजधानी के कुकरैल वन क्षेत्र में पौधा रोप कर किया। वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पौधरोपण के अपने अभियान में कन्नौज व कानपुर देहात के रसूलाबाद में पौधरोपण किया।
इटावा में रामगोपाल यादव ने पौधरोपण कर इस अभियान को सराहा। सीएम अखिलेश का बयान-हम विकास की बात करते है,बीजेपी विकास के मुद्दों से भटकाती है हम ऑक्सीजन बढ़ाना चाहते हैं,कुछ लोग कार्बन डाइ-ऑक्साइड बढ़ाएंगे वृक्षारोपण कर विश्व कीर्तिमान बना रहे,हम अगली पीढ़ी के लिए वृक्षारोपण कर रहे जिसको लगे गलत हो रहा,हमे बताएं,लिखित दे समाजवादी सरकार नौकरी भी दे रही है,सपा ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया आसान की,कन्नौज में 70 किमी एक्सप्रेसवे जा रहा,कन्नौज में बिना मांगे नई तहसील बन गई, समाजवादी सरकार बिजली दे रही है,बीजेपी ने 2 साल में कोई काम नहीं किया, अच्छे नंबर पाने वाले बच्चों को फिर मिलेगा लैपटॉपउत्तर प्रदेश के राजनीतिक समाचार पढऩे के लिये यहां क्लिक करें
बताते चलें कि प्रदेश के 6161 स्थलों पर 24 घंटे में पांच करोड़ पौधे रोप कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने जा रहा है। इस अभूतपूर्व और अनूठे कीर्तिमान को साकार करने के लिए प्रदेश भर में तकरीबन दस लाख लोग पौधरोपण में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानपुर देहात के रसूलाबाद क्षेत्र में तीन हजार स्कूली बच्चों के साथ पौधरोपण करेंगे।
इस महत्वाकांक्षी अभियान को सफल बनाने के लिए वन विभाग शिक्षण संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, सैन्य व अर्ध सैनिक बलों, एनसीसी कैडेट्स आदि का सहयोग ले रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर अपने क्षेत्रों में पौधरोपण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए कहा है। सोमवार को होने वाले वृहद पौधरोपण के लिए वन विभाग की पौधशालाओं से पौध रोपण स्थलों तक पहुंचायी जा चुकी हैं। रोपे जाने वाले पौधों की सुरक्षा और सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पौधरोपण की समयबद्ध और ऑनलाइन निगरानी के लिए एक सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप भी विकसित किया गया है। इसके जरिये हर रोपण स्थल और सभी विभागीय नर्सरी के बारे में विस्तृत सूचना विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इस महत्वाकांक्षी अभियान को सफल बनाने के लिए वन विभाग शिक्षण संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, सैन्य व अर्ध सैनिक बलों, एनसीसी कैडेट्स आदि का सहयोग ले रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर अपने क्षेत्रों में पौधरोपण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए कहा है। सोमवार को होने वाले वृहद पौधरोपण के लिए वन विभाग की पौधशालाओं से पौध रोपण स्थलों तक पहुंचायी जा चुकी हैं। रोपे जाने वाले पौधों की सुरक्षा और सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पौधरोपण की समयबद्ध और ऑनलाइन निगरानी के लिए एक सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप भी विकसित किया गया है। इसके जरिये हर रोपण स्थल और सभी विभागीय नर्सरी के बारे में विस्तृत सूचना विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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इस अनूठे कीर्तिमान को दर्ज करने से पहले गिनीज बुक संस्था पौधरोपण का सत्यापन कराएगी जिसके लिए उसने केपीएमजी को पार्टनर चुना है। वहीं टाटा एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) के माध्यम से रोपण के लिए खोदे गए गड्ढों का सत्यापन और थर्ड पार्टी मॉनीटङ्क्षरग करायी जा रही है। सभी पौधरोपण क्षेत्रों की जीपीएस लोकेशन आधारित पॉलीगॉन के माध्यम से रोपण क्षेत्रों का विस्तृत विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। पौधरोपण की वास्तविकता और सफलता का आकलन करने के लिए रोपण स्थलों की पौधरोपण से पहले और बाद की फोटो भी वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी।
प्रदेश भर में होने वाले पौधरोपण की निगरानी के लिए लखनऊ स्थित वन मुख्यालय में कमांड व कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। प्लांटेशन मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंग सिस्टम के जरिये कंप्यूटर की एक क्लिक पर यह जाना जा सकेगा कि किस समय प्रदेश के किस रोपण स्थल पर कितने पौधे रोपे जा चुके हैं। इससे नियमित अंतराल पर पौधरोपण की वास्तविक स्थिति की जानकारी हासिल हो सकेगी।
रोपे जाएंगे 80 प्रजातियों के पौधे
सोमवार को होने वाले पौधरोपण में 80 प्रजातियों के पौध रोपे जाएंगे जिनमें मुख्य रूप से शीशम, सागौन, नीम, कंजी, अर्जुन, इमली, गूलर, महुआ, जामुन, बेल, बहेड़ा, हरड़, पाकड़ जैसी परंपरागत देशी प्रजातियों के पौधे भी शामिल हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इस अनूठे कीर्तिमान को दर्ज करने से पहले गिनीज बुक संस्था पौधरोपण का सत्यापन कराएगी जिसके लिए उसने केपीएमजी को पार्टनर चुना है। वहीं टाटा एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) के माध्यम से रोपण के लिए खोदे गए गड्ढों का सत्यापन और थर्ड पार्टी मॉनीटङ्क्षरग करायी जा रही है। सभी पौधरोपण क्षेत्रों की जीपीएस लोकेशन आधारित पॉलीगॉन के माध्यम से रोपण क्षेत्रों का विस्तृत विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। पौधरोपण की वास्तविकता और सफलता का आकलन करने के लिए रोपण स्थलों की पौधरोपण से पहले और बाद की फोटो भी वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी।
प्रदेश भर में होने वाले पौधरोपण की निगरानी के लिए लखनऊ स्थित वन मुख्यालय में कमांड व कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। प्लांटेशन मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंग सिस्टम के जरिये कंप्यूटर की एक क्लिक पर यह जाना जा सकेगा कि किस समय प्रदेश के किस रोपण स्थल पर कितने पौधे रोपे जा चुके हैं। इससे नियमित अंतराल पर पौधरोपण की वास्तविक स्थिति की जानकारी हासिल हो सकेगी।
रोपे जाएंगे 80 प्रजातियों के पौधे
सोमवार को होने वाले पौधरोपण में 80 प्रजातियों के पौध रोपे जाएंगे जिनमें मुख्य रूप से शीशम, सागौन, नीम, कंजी, अर्जुन, इमली, गूलर, महुआ, जामुन, बेल, बहेड़ा, हरड़, पाकड़ जैसी परंपरागत देशी प्रजातियों के पौधे भी शामिल हैं।