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लाठी, त्रिशूल व डीजे पर रोक

By Edited By: Updated: Thu, 11 Jul 2013 02:03 AM (IST)
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मेरठ/देहरादून : कांवड़िये इस बार कांवड़ यात्रा में लाठी, डंडे व त्रिशूल लेकर नहीं चल पाएंगे। कांवड़ में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने इन्हें प्रतिबंधित कर दिया है। कांवड़ियों द्वारा वाहनों या संचालकों द्वारा शिविर में डीजे बजाने पर भी रोक लगाई गई है। नए शिविर को अनुमति नहीं मिलेगी। शिविर संचालकों को अब कांवड़ियों का लेखा-जोखा भी दर्ज करना होगा।

बुधवार को देहरादून में हुई अंतरराज्यीय व अंतर इकाई समन्वय समिति तथा मेरठ के चौधरी चरण सिंह बृहस्पति भवन सभागार में डीएम नवदीप रिणवा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फरमान जारी हुआ। डीजीपी उत्तराखंड सत्यव्रत ने बताया कि कांवड़ मेला में सुरक्षा की दृष्टि से सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए रुड़की, हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद व पुरामहादेव में कंट्रोल रूम स्थापित होगा। एडीजीपी अपराध एवं कानून-व्यवस्था अरुण कुमार ने बताया कि 15 जुलाई को मेरठ में समन्वय बैठक होगी।

दूसरी ओर, मेरठ में हुई बैठक में डीएम ने शिविर संचालकों को हिदायत दी कि वह हरेक आदेश का पालन करें। एसएसपी दीपक कुमार ने भरोसा दिलाया कि इस बार पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।

ये हुआ मेरठ की बैठक में आदेश

- नए शिविर नहीं लगेंगे।

- पुराने शिविर को अनुमति देने के लिए एकल विंडो सिस्टम लागू होगा, जिसमें तीन दिन में आवेदक को अनुमति मिलेगी।

- 5 सुपर जोन, 21 जोनल व 60 सेक्टर मजिस्ट्रेट 15 जुलाई तक क्षेत्र का भ्रमण कर फीड बैक देंगे, ताकि समय से पहले सड़क, पानी, बिजली आदि व्यवस्था की जाए। कांवड़ मार्ग में गूलर के पेड़ का कटान वन विभाग करेगा।

- कांवड़ शिविरों में डीजे नहीं बजेगा। संचालक को व्यावसायिक गैस कनेक्शन, अस्थाई बिजली कनेक्शन व अपने यहां सफाई व्यवस्था रखनी होगी। कांवड़ियों के आगमन पर उनका लेखा-जोखा एक रजिस्ट्रर में दर्ज होगा।

- कांवड़ के दौरान मांस की दुकान बंद रहेंगी।

- रूट डायवर्जन प्लान 15 जुलाई तक बनेगा।

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