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मेरठ में पिता की तेरहवीं पर बेटी को बंधी पगड़ी

पिता के अंतिम संस्कार के समय कक्षा 11 में पढऩे वाली बेटी रितिका ने आगे आकर सारे रीति-रिवाज खुद पूरे करने की बात कही थी। उसने पिता की अर्थी को कंधा देकर मुखाग्नि दी थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Nov 2016 11:32 AM (IST)Updated: Tue, 08 Nov 2016 06:08 PM (IST)

मेरठ (जेएनएन)। दिल्ली आकाशवाणी के डिप्टी डायरेक्टर रहे नीरज गोयल की कल तेरहवीं की रस्म हुई तो परिवार का माहौल देखकर हर कोई रो पड़ा। सभी के मुंह पर बस यही शब्द थे कि पढऩे-लिखने की उम्र में बेटियों पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी।

रोहटा रोड पर गगन एन्क्लेव में रहने वाले इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (आइईएस) अधिकारी नीरज गोयल (46) दिल्ली आकाशवाणी में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर थे।

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नीरज गोयल 31 अक्टूबर की रात साइकिल पर वॉक करने निकले थे। इसी बीच रोहटा रोड पर तेज स्पीड से आई आल्टो कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी। हादसे में उनकी मौत हो गई थी। पिता के अंतिम संस्कार के समय कक्षा 11 में पढऩे वाली बेटी रितिका ने आगे आकर सारे रीति-रिवाज खुद पूरे करने की बात कही थी। उसने पिता की अर्थी को कंधा देकर मुखाग्नि दी थी।

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कल तेरहवीं की रस्म हुई तो रितिका ने कहा कि जब उसने बेटे की तरह सारे काम किए हैं तो पगड़ी भी वही बंधवाएगी। पगड़ी रस्म में दिल्ली से आए आकाशवाणी के उच्च अधिकारी और परिचितों का शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने के लिए तांता लगा रहा।


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