पटाखे के धमाके से कोहरे को चीरेगी ट्रेन
मुरादाबाद। कोहरे से निपटने को रेलवे कई तकनीकी प्रयास कर चुका है, जिसमें उसेकोई सफलता नहीं मिली। रेलवे इस बार भी सौ साल पुराने सिस्टम से कोहरे में ट्रेन दौड़ाने की योजना बनाई है। मंडल में पांच सौ से अधिक फाग हट बनाए गए हैं। कोहरे के दौरान पटाखे के धमाके की आवाज से चालक ट्रेन दौड़ाएंगे।
ठंड के साथ ही जम्मू से लखनऊ तक और दिल्ली से इलाहाबाद तक कोहरे का काफी असर रहता है, जिससे कई ट्रेनें काफी लेट चलती हैं जिस कारण रेल प्रशासन कई ट्रेने रद कर देता है। कोहरे में ट्रेन चलाने के लिए सबसे पहले मुरादाबाद रेल मंडल ने चार साल पहले ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस) शुरू किया था। हर साल इस सिस्टम में सुधार किया गया, लेकिन इंजन के अंदर कोहरा आ जाने से यह सिस्टम कारगर साबित नहीं हुआ। हालांकि यह सिस्टम मुरादाबाद रेल मंडल के सहारनपुर से लखनऊ तक लगा है। पिछले साल जीपीएस सिस्टम होने के बाद भी दो दर्जन ट्रेनों को रद करना पड़ा था।
कोहरे से निपटने के लिए अंग्रेजों द्वारा अपनाया गया सिस्टम इस बार भी मंडल रेल प्रशासन अपनाने जा रहा है। इसके लिए मंडल भर के 152 स्टेशन के आउटर सिगनल पर फाग हाट बनाए गए हैं। जहां रात में रहने के लिए कर्मचारी की व्यवस्था की गई है। जो सिगनल के पांच सौ मीटर पहले पटरी के नीचे पटाखे लगाएंगे जिससे इंजन के दबाव से धमाका करेंगे। चालक समझ जाएगा कि सिगनल व स्टेशन आने वाला है, वह ट्रेन की स्पीड कम कर देंगे और धीमी गति से ट्रेन चलाएंगे।
मंडल रेल प्रशासन ने इसके लिए एक लाख से अधिक पटाखे मांग कर विभिन्न स्टेशन पर भेज दिया है। इसके अलावा सिगनल के पहले एक मिंट्टी का टीला बनाया गया है। जिसे सफेद रंगा गया है। कोहरे में ट्रेन की रोशनी पड़े पर टीला चमकेगा, जिससे चालक समझ जाएगा कि सिगनल या स्टेशन आने वाला है। रेलवे प्रशासन ने स्टाफ की कमी को देखते हुए मुरादाबाद से अलीगढ़, बरेली से चंदौसी, रोजा से सीतापुर, लक्सर से देहरादून, नजीबाबाद से बिजनौर होकर गजरौला तक कोहरे के दौरान ट्रेन की स्पीड घटाकर 48 किमी प्रति घंटा कर दी है। अपर मंडल रेल प्रबंधक हितेंद्र मेहरोत्रा ने बताया कि कोहरे से निपटने के लिए मंडल रेल प्रशासन ने तैयारी कर ली है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर