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बजट में घोषित दो ट्रेनें चलाना भूला रेलवे

By Edited By: Published: Wed, 02 Apr 2014 01:23 AM (IST)Updated: Wed, 02 Apr 2014 01:23 AM (IST)

प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद।

सुनने में अजीब लग सकता है, मगर हकीकत यही है। व्यस्त चुनावी माहौल और केंद्र सरकार की चलाचली की बेला में रेलवे बजट में घोषित दो ट्रेनें ही चलाना भूल गया। इन ट्रेनों को हर हाल में 31 मार्च तक चलाया जाना था। इनका टाइम टेबिल और रैक भी जारी हो चुका था, मगर मार्च खामोशी से बीत गया, दोनों ट्रेनें नहीं चल पाईं। मजेदार बात ये कि इनके रैक से स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

वित्तीय वर्ष 2013-14 का रेल बजट फरवरी 13 में लोकसभा में पेश किया गया था। इसमें मुरादाबाद रेल मंडल से होकर आठ नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई गई थी। इनको पहली जुलाई 13 से 31 मार्च 14 तक चलने की घोषणा की गई। फरवरी 14 में पारित लेखानुदान रेल बजट में भी यह बात दोहरायी गई थी। इसके बाद इन ट्रेनों को निर्धारित समयसीमा में हर हाल में चलाया जाना था।

इनमें रेलवे ने राम नगर बांद्रा एक्सप्रेस, बांद्रा हरिद्वार एक्सप्रेस, कामाख्या आनंद विहार एक्सप्रेस, लखनऊ-हरदोई ईएमयू, अमृतसर-लालकुआं एक्सप्रेस और छपरा दिल्ली एक्सप्रेस का संचालन तो शुरू कर दिया। मगर कामाख्या-भगत की कोठी (जोधपुर) साप्ताहिक और सियालदाह-दिल्ली (सप्ताह में दो दिन) ट्रेनों को भूल गया। मजेदार बात तो यह कि रेल प्रशासन ने एक जुलाई 2013 को जारी टाइम टेबिल में दोनों गाड़ियों की संख्या और उसके चलने का समय भी निर्धारित कर दिया था।

सूत्रों का कहना है कि दोनों ट्रेनों के लिए रैक भी मिल चुका था। इस रैक के पहले होली स्पेशल के रूप में ट्रेन चलाई गई। बाद में समर स्पेशल बना दिया गया। अब तकनीकी सवाल पैदा हो गया है कि यह ट्रेन नियमानुसार शुरू हो पाएगी या नहीं।

अपर मंडल रेल प्रबंधक हितेंद्र मल्होत्रा यह तो मानते हैं कि बजट में घोषित दोनों ट्रेनें (कामाख्या-भगत की कोठी जोधपुर और सियालदाह-दिल्ली एक्सप्रेस) 31 मार्च तक चलाई जानी थी, मगर कहते हैं कि ऐसे निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर लिए जाते हैं। इस बारे में मंडल मुख्यालय को कोई जानकारी नहीं है।


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