हत्यारे असली, खुलासा 'नकली'
मुजफ्फरनगर: बहादरपुर के तिहरे हत्याकांड में पुलिस के हत्थे चढ़े शातिरों से बातचीत के बाद संघर्ष समि
By Edited By: Updated: Sun, 12 Oct 2014 12:36 AM (IST)
मुजफ्फरनगर: बहादरपुर के तिहरे हत्याकांड में पुलिस के हत्थे चढ़े शातिरों से बातचीत के बाद संघर्ष समिति और मृतकों के परिजनों ने खुलासे पर संतुष्टि जताई। हालांकि मौजूद लोगों ने लूट के इरादे से वारदात करने की पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाए। उधर, पुलिस ने हत्यारोपियों को जेल भेज दिया है। पुलिस शातिरों पर अन्य घटनाओं में भी शामिल होने का शक जाहिर कर रही है।
सिखेड़ा थानाक्षेत्र के गांव बहादरपुर में हुए तिहरे हत्याकांड का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया था। शुक्रवार को ही गांव में हुई पंचायत में पकड़े गए बदमाशों से संघर्ष समिति ने बातचीत और पूछताछ के बाद ही खुलासे के सही-गलत होने पर फैसला लेने का ऐलान किया गया। शनिवार को भाकियू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चंद्रपाल फौजी के नेतृत्व में संघर्ष समिति और बहादरपुर के अन्य ग्रामीण मृतकों के परिजनों के साथ सिखेड़ा थाने पहुंचे। यहां पहुंचकर संघर्ष समिति के सदस्यों ने शातिर गुलफाम से पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो शातिर गुलफाम ने खुद को दो-तीन हजार रुपये प्रति वारदात देने की बात स्वीकार की। इसके बाद संघर्ष समिति व परिजन नई मंडी कोतवाली पहुंचे। यहां उन्होंने अन्य शातिरों से बातचीत के बाद खुलासे पर संतुष्टि जता दी। भाकियू पउप्र अध्यक्ष चंद्रपाल फौजी ने बताया कि शातिरों ने ही वारदात को अंजाम दिया है। पूछताछ में यही बात निकलकर सामने आई है। उन्होंने कहा कि बहादरपुर के पीड़ित परिजन संतुष्ट हैं तो समाज संतुष्ट है। गले नहीं उतर रहा हत्या का कारण घटना में पकड़े गए हत्यारोपियों ने लूट के इरादे से वारदात को अंजाम दिया। यह कहानी किसी के गले नहीं उतर रही है। सिखेड़ा थाने पहुंची संघर्ष समिति व अन्य लोग हत्यारों को तो असली मान रहे हैं, लेकिन पुलिस का बताया कारण समझ से परे है। पुलिस के मुताबिक, घटना लूट के लिए की गई है। ग्रामीण पुलिस की इस थ्योरी को माने को तैयार नहीं कि हत्यारों का निशाना केवल लूट था। संघर्ष समिति के अध्यक्ष चंद्रपाल फौजी ने कहा कि हत्यारे तो असली हैं, लेकिन वारदात का कारण कुछ और है। उन्होंने मांग की कि पुलिस घटना की तह तक जाकर सच्चाई पता लगाए।
जवाब मांगते सुलगते सवाल सवाल एक : हत्या का कारण लूट है तो किससे कितनी नगदी लूटी और लूटी नगदी कहां है? जबकि एक शव के पास से आठ हजार रुपए जस के तस मिले थे।
सवाल दो : हत्यारे एक साइकिल लूटकर ले गए तो दूसरी साइकिल को खेत में ही क्यों छोड़ गए? सवाल तीन : बदमाश आमतौर पर सिम को निकालकर फेंक देते हैं, जबकि मोबाइल को साथ ले जाते हैं। इस केस में उल्टा हुआ कि हत्यारे मोबाइल मौके पर ही तोड़कर फेंक गए, जबकि सिम साथ ले गए। सवाल चार : हत्या यदि लूट के लिए हत्या की गई तो मृतकों की पैंट उतारने की क्या जरुरत थी? सवाल पांच : मुख्य हत्यारोपी गुलफाम ने बताया कि उसको एक रात के लिए मोहसिन व बुल्ली दो से तीन हजार रुपए देते थे तो उन्हें यह धन कहां से आता था? सवाल छह : पुलिस के मुताबिक, हत्यारों का निशाना केवल गरीब लोग ही होते थे। यदि हत्याएं लूट के इरादे हुई तो गरीबों को ही क्यों चुना? बदमाश अक्सर मोटा हाथ मारने की फिराक में रहते हैं। सवाल सात : हत्यारोपी गुलफाम ने बताया कि बहादरपुर में हत्याएं करने के लिए वह छोटा हाथी से गए थे और वह उसके पास ही खड़ा था। वह छोटा हाथी किसका था और कहां है?
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