मेट्रो पर ब्रेक से बजट में कटौती
संवाददाता, नोएडा :
प्राधिकरण की चार मेट्रो परियोजनाएं प्रारंभ न होने का असर बजट पर पड़ेगा। पिछले बोर्ड बैठक की तुलना में इस बार की बोर्ड बैठक का बजट लगभग दो हजार करोड़ रुपये कम होगा। इस बार करीब आठ हजार करोड़ रुपये का बजट बोर्ड बैठक में पास होने की संभावना है। 12 फरवरी को नोएडा की बोर्ड बैठक होनी है।
चालू वित्तीय वर्ष के बजट के लिए बीते वर्ष हुई नोएडा की बोर्ड बैठक में दस हजार करोड़ रुपये का बजट पास किया गया था। इसमें दो हजार करोड़ रुपया मेट्रो परियोजनाओं के लिए था। प्राधिकरण सिटी सेंटर से सेक्टर 63, सेक्टर 63 से सेक्टर 71, सेक्टर 71 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो का जाल बिछाना चाहता है। इसके लिए बोर्ड बैठक में दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इसमें से अभी तक मात्र 20 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं। दिल्ली सरकार से सहमति न बन पाने के कारण मेट्रो परियोजनाएं प्रारंभ नहीं हो सकी हैं। इस कारण प्राधिकरण का लगभग दो हजार करोड़ रुपये खर्च नहीं हो सका है। फरवरी के अंत तक आदर्श आचार संहिता लागू होने की संभावना है। इस कारण इस परियोजना के प्रारंभ होने पर संशय है।
इसी कारण प्राधिकरण 12 फरवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में पास होने वाले बजट में मेट्रो के लिए कोई बजट पास नहीं करेगा। ढांचागत विकास के लिए कुछ परियोजनाएं लाई जा सकती हैं। इसमें प्राधिकरण को करीब आठ हजार करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। लोकसभा चुनाव तक यह प्राधिकरण की आखरी बोर्ड बैठक है। प्राधिकरण के पास किसी बड़ी परियोजना को प्रारंभ करने के लिए समय नहीं है। इस कारण कोई बड़ी परियोजनाएं नहीं लाई जाएगी। पुरानी परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।
'मेट्रो परियोजनाओं के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान था। चारों परियोजनाएं प्रारंभ नहीं हो सकी हैं। इस कारण इस बार बजट करीब आठ हजार करोड़ के आस-पास रहने की संभावना है।' - जीपी सिंह, वित्त नियंत्रक नोएडा प्राधिकरण
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