By Edited By: Updated: Tue, 07 Feb 2012 01:25 AM (IST)
ग्रेटर नोएडा, संवाददाता : ग्रेटर नोएडा में एयरपोर्ट व नाइट सफारी से लेकर बोड़ाकी स्टेशन तक विकास की अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं फाइलों में ही फंसकर रह गई हैं। इसी तरह मेट्रो रेल परियोजना की तैयारी पिछले 12 वर्षो से चल रही है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। मेट्रो रेल की सवारी करने के लिए ग्रेटर नोएडा के लोगों का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। स्थानीय लोगों का मेट्रो में सफर का सपना कब साकार होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। प्राधिकरण भी अपने पास पैसे की कमी का बहाना बनाकर कदम वापस खींच रहा है। जनप्रतिनिधियों ने भी शहर में मेट्रो लाने के लिए अपने स्तर से प्रयास नहीं किए। नतीजतन परियोजना का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। लोगों का कहना है कि जनहित की योजनाओं में देरी नहीं होनी चाहिए। प्राधिकरण और सरकार देरी करे तो जनप्रतिनिधियों का दायित्व बनता है कि वे सरकार और प्राधिकरण को उसके जिम्मेदारियों का एहसास कराकर जनहित की योजनाओं को शुरू कराएं, पर अफसोस की बात है कि ऐसा नहीं हो सका। जनता विधानसभा चुनाव में ऐसे प्रत्याशी को ही अपना मत देना चाहती है, जो लोगों से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर उन्हें हल कराए।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने मास्टर प्लान में शहर की आबादी एक लाख पहुंचने के बाद यहां मेट्रो रेल परियोजना लाने की कवायद का लक्ष्य रखा था। वर्ष 2000 में परियोजना लाए जाने पर काम शुरू हुआ। बारह वर्ष का लंबा समय बीत गया है। शहर की आबादी भी बढ़कर दो लाख को पार कर गई है। नोएडा एक्सटेंशन और ओमीक्रान, जू, म्यू आदि सेक्टरों में लोगों ने रहना शुरू कर दिया तो अगले दो-तीन वर्ष में आबादी पांच लाख पार कर जाएगी। अनेक बार शहर में मेट्रो लाए जाने की घोषणाएं हुई और बैठकों का दौर चला, लेकिन योजना फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रही है।
किस मार्ग पर चलनी है मेट्रो नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक मेट्रो को लाने के लिए प्राधिकरण ने दो रास्ते चुने हैं। प्रथम चरण में नोएडा हाईवे से परी चौक तक मेट्रो आएगी। दूसरा मार्ग नोएडा के सेक्टर 32 व 72 से होते हुए नोएडा एक्सटेंशन एवं 130 मीटर चौड़ी सड़क साथ-साथ सैनी, खैरपुर गुर्जर, खोदना खुर्द, तिलपता व सेक्टर ईटा, जीटा होते हुए परी चौक तक पहुंचेगी।
क्या है मौजूदा स्थिति मेट्रो लाने के लिए कई बार बैठकों का दौर हो चुका है। एक वर्ष पहले विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो रेलवे कारपोरेशन (डीएमआरसी) को सौंपी गई थी। डीएमआरसी ने अब तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। हाईकोर्ट के आदेश पर किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा देने की वजह से प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति अब खस्ताहालत में है। प्राधिकरण ने आर्थिक स्थिति मजबूत होने तक फिलहाल प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
मेट्रो आने से दूसरे शहरों में जाना हो जाता आसान ईशान इंस्टीटयूट के चेयरमैन डीके गर्ग का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल न आने की वजह से लोगों को दिक्कत होती है। यहां तक मेट्रो आ जाती तो ग्रेटर नोएडा दूसरे शहरों से सीधे जुड़ जाता। लोगों को भी आवागमन में आसानी होगी। ग्रेटर नोएडा में करीब 70 हजार छात्र रहते हैं। छात्रों को नोएडा व दिल्ली आने-जाने के लिए बसों में सफर तय करना पड़ता है। इससे आवागमन में अधिक समय लगता है।मेट्रो आने से बढ़ेगी शहर की आबादी नवीन अस्पताल के डॉ. विनीत का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में मकान खूब बन गए हैं, लेकिन लोग कम संख्या में रहते हैं। इसका मुख्य कारण यहां परिवहन व आवागमन के साधनों का अभाव है। प्राधिकरण यदि शहर तक मेट्रो ले आएगा तो निश्चित रूप से यहां लोग रहना शुरू कर देंगे।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
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