नियंत्रित होगी जनसंख्या तो होगी तरक्की
By Edited By: Updated: Sun, 05 Jan 2014 09:32 PM (IST)
पीलीभीत : गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ती जनसंख्या, अनियोजित विकास और आय में भारी असमानता..। किसी देश या राज्य के विकास के लिए यह चीजें सर्वाधिक बाधा उत्पन्न करने वाली है। इसके बावजूद केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित बहुतेरी कल्याणकारी योजनाएं भारी भरकम जनसंख्या दबाव के बावजूद तरक्की के पथ पर सरपट दौड़ लगा रही हैं। प्राइवेट सेक्टर ने अपने कौशल व हुनर के बदौलत लोगों को रोजगार के नए आयाम देकर स्वावलंबन की कोशिशों को दम भरा है। खेती पर टिकी अर्थव्यवस्था में रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं।
------------------- तराई की मिट्टी में रोजगार की सुगंध तराई के इस जिलेकी करीब 70 फीसदी आबादी गांव में रहती है। ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। धान, गेहूं और गन्ना की पैदावार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। तराई का जिला होने के कारण यहां की मिट्टी व पानी इन दोनों ही फसलों के अनुकूल है। इस कारण यहां अस्सी फीसदी किसान धान की पैदावार प्रमुखता से करते हैं। इस कार्य के लिए एक ओर उन्हें सरकार से प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं कई संस्थाएं भी उन्हें कृषि संबंधी जानकारियां उपलब्ध करा रही हैं। यहां का धान उद्योग यहां सूबे में ही नहीं बल्कि आसपास प्रदेशों में भी खासा मशहूर है। इसके अलावा जिले में ललित हरि शुगर फैक्ट्री, सहकारी शुगर फैक्ट्री बीसलपुर, बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल बरखेड़ा और सहकारी शुगर फैक्ट्री पूरनपुर से भी हजारों लोग रोजगार से जुड़े हैं। यहां बड़ी चीनी मिलें होने के कारण गन्ना की पैदावार से भी किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। वहीं करीब डेढ़ सौ राइस मिलें से भी रोजगार के बेतहाशा मौके मिल रहे हैं। गन्ना व चावल उद्योग से यहां कारोबार से को नई ऊंचाइयां मिली हैं तो रोजगार के नए रास्ते खुलने से बेरोजगारों की उम्मीदें मजबूत हुई हैं।
--------------------- रोजगार की राह पर सेवायोजन का साथ
बेरोजगारों के लिए रोजगार के मौके दिलाने को सेवायोजन दफ्तर की भूमिका भी अहम है। वैसे तो इस विभाग में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या करीब 41 हजार हैं लेकिन बीते साल यह विभाग बेगारों को रोजगार के अवसर मुहैय्या कराने में अहम कड़ी बना। पिछले साल कई रोजगार मेलों के माध्यम से करीब तीन सौ लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिला है। इसके अलावा रोजगार के लिए ट्रेंड करने और विभिन्न प्रशिक्षण दिलाने के लिए भी इस विभाग पर अहम जिम्मेदारियां हैं। जिला सेवायोजन अधिकारी आरबी चतुर्वेदी कहते हैं कि नए वर्ष में ज्यादा से ज्यादा रोजगार मेले आयोजित कराने की कोशिश की जाएंगी। विभाग की इस भूमिका से रोजगारों के सपनों के पंख लग रहे हैं। -------------------- कारपेट और कारचोबी का कमाल करीब पचास हजार लोग कारपेट और कारचोबी व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। इस कारोबार में महिलाओं की भागीदारी सर्वाधिक और अहम है। इसी प्रकार कृषि खासतौर से सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में भी महिलाएं पुरुषों के मुकाबले तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में पुरूषों के ही केवल कमाऊ होने की अवधारणा भी धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। विनोबा सेवा आश्रम से जुड़ी बहन रंजना ने यहां महिलाओं को सब्जी उत्पादन की दिशा में काफी जागरुक और प्रेरित किया है। जिससे उसके इस अभियान से बड़ी संख्या में महिलाएं सब्जी उत्पादन कर खुद के पैरों पर खड़ी है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में खास योगदान दे रही हैं। ------------------------ इंडस्ट्रीयल एरिया विकास की योजना जिले के पास वर्तमान में कोई भी एरिया औद्योगिक एरिया नहीं है। यह दीगर है कि पिछले साल जिला प्रशासन को आयुक्त की ओर से आए लेटर में 500 एकड़ जमीन तलाश कर औद्योगिक एरिया बनाने की बात कही गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारी इस ओर प्रयास कर रहे हैं। प्रशासन की यह कोशिश परवान चढ़ी तो इंडस्ट्रीयल एरिया बनने के साथ रोजगार के अवसरों की लंबी झड़ी लग जाएगी। लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगें तो जिले की अर्थव्यवस्था पर भी इसक बढि़या असर दिखाई देगा। --------------------------- फोटो-5पीआइएलपी-6 जिले में सरकार की ओर से जो भी विकास योजनाएं चलाई जा रही हैं,उनका जनता तक लाभ पहुंचाने की भरपूर कोशिश होगी। इसमें कोई शक नहीं कि इतनी बड़ी जनसंख्या को नियोजित करना मुश्किल है लेकिन सरकार इस तरफ शिद्दत से काम कर रही है। सभी को रोजी-रोटी, कपड़ा और मकान मुहैय्या कराने की सतत कोशिशें चलेंगी। ओम नारायण सिंह, डीएममोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।