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नहीं रहे अवधी के 'रसखान' जुमई खां आजाद

By Edited By: Updated: Mon, 30 Dec 2013 10:34 PM (IST)
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प्रतापगढ़ : अवधी के रसखान कहे जाने वाले बेल्हा के प्रमुख कवि जुमई खां आजाद का रविवार की देर रात गोबरी स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 85 वर्ष की आयु के थे। श्री आजाद के निधन का समाचार सुनते ही जिले भर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर सांसद, विधायक सहित राजनीतिक दलों ने गहरी संवेदना जताई है।

अंतू थाना क्षेत्र के गोबरी गांव निवासी जुमई खां आजाद ने अवधी में कई रचनाएं लिखकर जिले का नाम रोशन किया। काफी दिनों से श्री आजाद का स्वास्थ्य खराब चल रहा था। रविवार की रात लगभग दस बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सोमवार को इसकी जानकारी मिलते ही साहित्य जगत सन्न रह गया। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पं.श्याम किशोर शुक्ल, जिला अध्यक्ष मो. इसहाक खां, कपिल द्विवेदी, सपा नेता जैनुल हसन, सदर विधायक के प्रतिनिधि मुन्ना यादव, कवि अनीश देहाती, राजकिशोर सिंह, राजेश पांडेय निर्झर प्रतापगढ़ी, राजमूर्ति सिंह सौरभ, सुनील प्रभाकर, डा. राजेंद्र राज, शीतला प्रसाद सुजान सहित अनेक साहित्यकार उनके घर पहुंचे और अंतिम संस्कार में शामिल हुए। सांसद राजकुमारी रत्‍‌ना सिंह ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि श्री आजाद के निधन से अवधी के एक युग की समाप्ति हो गई। राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि आजाद ने अपनी रचनाओं में देश प्रेम व राष्ट्रीय एकता को पिरोए रखा। उनके निधन से अवधी का रसखान चला गया। कांग्रेस कार्यालय पर हुई शोक सभा में नरसिंह प्रकाश मिश्र, यमुना प्रसाद पांडेय, बाल गोविंद तिवारी, बद्री प्रसाद मिश्रा, नीरज तिवारी, प्रेमशंकर दुबे, निर्मल पांडेय, सरोज कश्यप, इंद्रानंद तिवारी आदि रहे। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि आजाद जी ने ग्रामीण परिवेश को अपनी रचनाओं में पिरोया था। सदर विधायक नागेंद्र सिंह यादव मुन्ना ने कहा कि इससे साहित्य जगत को अपूर्णनीय क्षति हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमोद मौर्य ने बैठक में कहा कि आजाद जी के निधन से साहित्य जगत की बड़ी क्षति हुई है। एलायंस क्लब अध्यक्ष रोशन लाल ऊमरवैश्य ने कहा कि आजाद जी सर्वहारा समाज के प्रतिनिधि कवि थे। सृजना के डा. दयाराम मौर्य रत्‍‌न ने कहा कि आजाद जी का जाना अखर रहा है।

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