50 फीसदी शिक्षामित्र पहुंचेंगे वाराणसी
रायबरेली : इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सहायक अध्यापक बने 2202 शिक्षामित्रों की नियुक्ति निरस्त करने के
रायबरेली : इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सहायक अध्यापक बने 2202 शिक्षामित्रों की नियुक्ति निरस्त करने के बाद सभी क्षुब्ध नजर आ रहे है। क्योंकि उन्होंने शिक्षामित्र के रूप में परिषदीय स्कूलों में एक शिक्षक की तरह कार्य किया है। प्रदेश सरकार के साथ होने पर शिक्षामित्र खुद राहत जरूर महसूस कर रहे है, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले ने उनकी रात की नींद और दिन का सुकून छीन लिया है। ऐसे में जिले के करीब 50 फीसदी शिक्षामित्र शुक्रवार को वाराणसी रवाना होने की तैयारी में जुट गए है।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अजीत ¨सह के घर पर गुरुवार को शिक्षामित्रों की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में शिक्षामित्रों ने अपने दु:ख-दर्द को सांझा करते हुए शिक्षक पद पर रहने को हर लड़ाई करने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से शिक्षामित्र परिषदीय स्कूलों में सिर्फ 3500 रुपए मानदेय पर एक शिक्षक का कार्य करते आ रहे है। इसके बाद भी हाईकोर्ट द्वारा उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा उनका साथ देने की बात कही जा रही है। इससे उनका उत्साह व साहस तो बढ़ रहा है, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा दिया गया निर्णय कहीं न कहीं उन्हें अखर रहा है। जिलाध्यक्ष व नगर अध्यक्ष कृष्णचंद सोनकर ने बताया कि शुक्रवार को जनपद के करीब 50 फीसदी शिक्षामित्र वाराणसी के लिए रवाना होंगे। कुछ शिक्षामित्रों ने गुरुवार शाम से वाराणसी में पहुंच गए है। जबकि प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष सुजीत चौधरी द्वारा शिक्षामित्रों के साठ बैठक की गई। इसमें उन्होंने 18 सितंबर को काली पट्टी बांध कर विद्यालय में कार्य बहिष्कार जारी रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र के हक के लिए सभी से मिलकर समस्याओं को रखा जाएगा। मनोजकांत, आशीष कुमार, आलोक द्विवेदी, मनोज, जगजीवन, लक्ष्मी प्रताप ¨सह, रामपाल ¨सह, राजबहादुर, सुप्रीत शुक्ला, अरुण चौधरी, कंचन, रचना, प्रतिमा मौजूद रहे।