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टीईटी : छिनेगा 20 हजार मुस्लिम अभ्यर्थियों का हक!

By Edited By: Updated: Mon, 09 Jul 2012 03:49 AM (IST)

टीईटी (उत्तीर्ण) संघर्ष मोर्चा ने किया दावा

एकेडमिक मेरिट का आधार बनेगी बाधा

जागरण संवाददाता, सहारनपुर : प्रदेश में एकेडमिक आधार पर टीईटी की भ‌र्त्ती से 20 हजार मुस्लिम अभ्यर्थियों का हक छीनने की तैयारी की जा रही है। प्राथमिक स्तर की परीक्षा में 2.70 लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। यह दावा करते हुए टीईटी (उत्तीर्ण) संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि एकेडमिक प्रक्रिया से अंतहीन संघर्ष का दौर शुरू हो जायेगा।

इन दिनों प्रदेश में टीईटी से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर लाखों परिवारों की निगाहें लगी हैं। इससे किसी को अपनी बेटी, किसी को बहू ओर किसी को बेटे व पति की तो किसी को पत्‍‌नी की नौकरी की आस बंधी है। बता दें कि तत्कालीन बसपा सरकार द्वारा घोषित प्रक्रिया में नियुक्ति का आधार टीईटी की मेरिट को बनाया गया था। प्रदेश की सपा सरकार द्वारा नियुक्ति के आधार में बदलाव की कसरत की जा ही है। नए बदलाव में एकेडमिक मेरिट का दांव खेलने की तैयारी चल रही है इसके साथ ही कानूनी दांवपेचों में उलझी प्रक्रिया को सुलझाने के लिए शासन स्तर पर मंथन भी तेज हो गया है।

टीईटी(उत्तीर्ण)संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संजय कुमार व मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष फारूख हसन का दावा है कि टीईटी(प्राथमिक)उत्तीर्ण 2.70 लाख अभ्यर्थियों में 20 हजार मुस्लिम हैं लेकिन इसकी मेरिट से नियुक्ति का लाभ 80-85 फीसदी को ही मिल सकेगा। इनका कहना कि मोर्चा द्वारा प्रदेश भर में अभ्यर्थियों के बीच किए गए एक सर्वे के बाद यह बात सामने आई है। वह बताते हैं कि यदि सरकार ने टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा मानकर नियुक्ति का आधार एकेडमिक मेरिट कर दिया तो सबसे बड़ा नुकसान मुस्लिम अभ्यर्थियों को उठाना पड़ेगा और इससे मात्र एक से डेढ़ हजार को ही लाभ मिल पाएगा। अधिकांश सफल अभ्यर्थी यूपी बोर्ड से उत्तीर्ण हैं। एकेडमिक मेरिट का लाभ केवल सीबीएसई/आईसीएसई स्कूलों से शिक्षा ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों को ही मिल सकेगा। दूसरी ओर माना जा है कि नियुक्ति के आधार में बदलाव से एक ऐसे अंतहीन संघर्ष का दौर शुरू शुरू हो जायेगा जो अगली सभी टीईटी प्रक्रियाओं के दरवाजे बंद कर सकता है।

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