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टीईटी : पुचकार और दुत्कार में फंसी प्रक्रिया

By Edited By: Updated: Tue, 07 Aug 2012 10:23 PM (IST)

सहारनपुर: इन दिनों टीईटी की प्रक्रिया पुचकार और दुत्कार के बीच फंस गई है। उच्च प्राथमिक परीक्षा में उत्तीर्ण रहे अभ्यर्थी सरकारी जूनियर स्कूलों में नियुक्त नहीं हो सकेंगे। वहीं प्राथमिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की आस अब हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा क ा पूरे मामले में सरकार से विश्वास उठ चुका है।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले परिषदीय प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की भ‌र्त्ती टीईटी के द्वारा ही हो सकेगी।

नवंबर-2011 में टीईटी परीक्षा कराई गई थी। प्राथमिक परीक्षा में 2.70 लाख तथा उच्च प्राथमिक में 2.13 लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। मंडल में प्राथमिक परीक्षा में 12 हजार तथा उच्च प्राथमिक आठ हजार से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे।

झंझावतों से निकली प्रक्रिया

टीईटी प्रक्रिया को प्रदेश सरकार द्वारा निरस्त न करने का निर्णय लेने के बाद गत माह टीईटी को पात्रता परीक्षा की श्रेणी में शामिल किया गया है जबकि उच्च प्राथमिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए सरकारी जूनियर स्कूलों में नियुक्ति का रास्ता बंद कर दिया। जिले में सहायता प्राप्त प्राइमरी-जूनियर स्कूलों की संख्या 40 है। केवल सहायता प्राप्त व प्राइवेट स्कूलों में ही ये अभ्यर्थी भ‌र्त्ती के पात्र होंगे। बता दें कि सरकारी जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की सीधी भ‌र्त्ती का प्रावधान नही है इनमें केवल पदोन्नति से शिक्षकों की नियुक्ति होती है। ऐसे में टीईटी उच्च प्राथमिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

सरकार से नही उम्मीद

टीईटी(उत्तीर्ण) संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजय कुमार का कहना है कि टीईटी की मेरिट के आधार पर नियुक्ति के लिए संघ संघर्षरत है। उच्च प्राथमिक परीक्षा में उत्तीर्ण रहे अभ्यर्थियों से सरकार ने छल किया है टीईटी को पात्रता की श्रेणी में शामिल कर तो उम्मीदों पर पानी ही फेर दिया है। परेशान अभ्यर्थियों को अब हाईकोर्ट से ही न्याय की उम्मीद है।

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