योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले के खिलाफ दारुल उलूम
योगी आदित्यनाथ सरकार के सभी धर्मों के लोगों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य करने पर देवबंदी उलमा ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा निकाहनामा अपने आप में शादी का पंजीकरण है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Thu, 03 Aug 2017 12:33 PM (IST)
सहारनपुर (जेएनएन)। दारुल उलूम देवबंद ने योगी आदित्यनाथ सरकार के विवाह पंजीकरण को निर्णय को गैर जरूरी बताया है। यहां के उलमा का मानना है कि विवाह के रजिस्ट्रेशन को बाध्य करना धार्मिक आजादी के खिलाफ है।
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के सभी धर्मों के लोगों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य करने पर देवबंदी उलमा ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। दारुल उलूम देवबंद समेत उलमा ने विवाह पंजीकरण को गैर जरूरी बताया है। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा प्रदेश सरकार का विवाह रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का फैसला गैर जरूरी है। वह रजिस्ट्रेशन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जबरन किसी को रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य करना संविधान द्वारा दी गई धार्मिक आजादी के खिलाफ है। दारुल उलूम वक्फ के शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि विवाह रजिस्ट्रेशन न कराने वाले पर जुर्माना या उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किया जाना उचित नहीं है। दारुल इल्म के वरिष्ठ मुफ्ती आरिफ कासमी ने कहा कि इस्लाम ने शादी को बेहद आसान बनाया है। कहा कि विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने के बाद ग्रामीण व कम पढ़े-लिखे लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो सकती है। देवबंदी उलेमाओं ने कहा कि हम शादी के पंजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ऐसा न करने वालों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने का फरमान उत्पीडऩ है।
यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में आने वाली जबरदस्त भर्ती, युवाओं कर लो तैयारीयोगी सरकार के फैसले पर इस्लामी तालीम के सबसे बड़े केंद्र दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने कहा शादी के पंजीकरण को जोर जबरदस्ती से लागू करना मजहबी आजादी के खिलाफ है। धार्मिक तौर पर शादी सिर्फ निकाह करने से हो जाती है। यह कहना कि अगर पंजीकरण नहीं कराया जाएगा तो कानूनी हक से वंचित कर दिया जाएगा, यह सीधे-सीधे उत्पीडऩ करने वाला निर्णय है।
यह भी पढ़ें: बैंक में जमा करिए टमाटर, छह महीने बाद पांच गुना ले जाइएउन्होंने कहा कि व्यवस्था यह होनी चाहिए कि अगर कोई अपनी मर्जी से रजिस्ट्रेशन करवाना चाहे तो करवा सकता है। जोर जबरदस्ती जरूरी नहीं। उन्होंने कहा कि निकाहनामा अपने आप में शादी का पंजीकरण है। यह दो गवाहों के साथ लिखा जाता है।यह भी पढ़ें: इस बार रक्षाबंधन महज तीन घंटे 22 मिनट का
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