रोशन नहीं हो सके छोटे रेलवे स्टेशन
सुल्तानपुर : लखनऊ-वाराणसी रेलखंड के विद्युतीकरण होने पर सभी छोटे-बड़े रेलवे स्टेशनों को दिनरात रोशन किए जाने की योजना सफल नहीं हो सकी। जनरेटर-इनवर्टर की कमी से बिजली होने के बावजूद स्टेशनों पर अंधेरा छाया रहता है। क्योंकि ओवरहेड इलेक्ट्रीफिकेशन से इन्हें नहीं जोड़ा जा सका है।
सालभर पहले रेल लाइनों के विद्युतीकरण के साथ लखनऊ-वाराणसी के बीच पड़ने वाले उन्नीस छोटे-बड़े स्टेशनों को भी जगमग करने की योजना बनी थी। अबाध विद्युत आपूर्ति के लिए रेल महकमे ने सभी स्टेशनों को जनरेटर व इनवर्टर से लैस किए जाने के निर्देश दिए थे। शुरूआत में इसके लिए तैयारियां भी की गई। लेकिन आधे अधूरे स्टेशन भवनों, प्लेटफार्मो व सोडियम लाइटों की व्यवस्था न होने से विद्युतीकरण की मुख्य लाइन से इन्हें नहीं जोड़ा जा सका। आज भी रेलवे स्टेशनों की विद्युत आपूर्ति जिला स्तरीय विद्युत वितरण के जिम्मे है। यही कारण है कि बिजली गुल होने पर स्टेशनों पर अंधेरा छा जाता है। जनरेटर व इनवर्टर के अभाव में रेलयात्रियों को अंधेरे में ही आना-जाना पड़ता है। बताया जाता है कि जब तक सभी स्टेशनों तक रेल महकमे की बिजली आपूर्ति शुरू नहीं होगी, तब तक इन्हें रोशन करने की योजना पूरी नहीं हो सकती। अब उम्मीद है कि मेमू ट्रेन चलने से पहले सभी स्टेशनों को रेलवे विद्युतीकरण योजना से जोड़ दिया जाएगा।
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