बड़ागांव में पुलिस-पीएसी का पहरा, छह गिरफ्तार
चांदा : स्थानीय थाना क्षेत्र के बड़ागांव में रविवार की रात मामूली कहासुनी के बाद दो समुदायों क
By JagranEdited By: Updated: Mon, 04 Sep 2017 11:31 PM (IST)
चांदा : स्थानीय थाना क्षेत्र के बड़ागांव में रविवार की रात मामूली कहासुनी के बाद दो समुदायों के बीच में हुए खूनी संघर्ष में पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर 19 लोगों के खिलाफ मारपीट व बलवा करने का मुकदमा दर्ज किया है। छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तनाव को देखते हुए गांव में तीन थानों की फोर्स व पीएसी के जवानों की तैनाती की गई है।
रविवार की रात बड़ागांव की दलित बस्ती निवासी रामअजोर का बीस वर्षीय पुत्र हरिकेश अपने एक दोस्त के साथ साइकिल से किन्नीपुर बाजार से घर लौट रहा था। रास्ते में उसकी साइकिल से सैफुद्दीन ने अपनी साइकिल भिड़ा दी। इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी होने लगी। रास्ते से गुजर रहे गांव निवासी ¨सटू ¨सह ने बीच-बचाव करने का प्रयास किया तो सैफुद्दीन भड़क गया। जिस पर ¨सटू ने उसकी पिटाई कर दी। सैफुद्दीन ने घर जाकर परिजनों को घटना के बारे में बताया तो मामले ने तूल पकड़ लिया। दोनों पक्षों से दर्जनों लोग आमने-सामने हो गए और लाठी-डंडे, सरिया व ईंट-पत्थर से एक दूसरे पर हमला बोल दिया। जिसमें एक पक्ष से रामअजोर, मुकेश, ¨सटू, दीपनारायन, संजय व दूसरे पक्ष से सैफुद्दीन, गुड़िया, असरफ, रफीकुल निशा, सरफराज समेत करीब दस लोग घायल हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को स्थानीय सीएचसी पहुंचाया। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण प्रभारी एसओ नरेंद्र कुमार वर्मा ने घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी। जिस पर मोतिगरप र, कोतवाली देहात, कादीपुर, लम्भुआ थाने की पुलिस व पीएसी गांव में तैनात कर दी गई। दोनों पक्षों की तहरीर पर पुलिस ने बीस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। ये हुए नामजद ¨सटू ¨सह की तहरीर पर खलील, अशरफ, बंशी, हवलदार, इरफान, सुहैल समेत दस व दूसरे पक्ष के अशरफ की तहरीर पर ¨सटू ¨सह, करिया, मोनू, संजय, मुकेश व हरिश्चंद्र समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पखवारे भर पूर्व हुई थी छेड़खानी रविवार की रात बड़ागांव में हुई मारपीट की वजह सप्ताह भर पूर्व एक युवती के साथ छेड़खानी की घटना बताई जा रही है। ग्रामीणों की मानें तो सैफुद्दीन ने किशोरी से छेड़खानी की थी। जिसको लेकर हरिकेश व सैफुद्दीन में कहासुनी भी हुई थी। गांव के संभ्रांत लोगों के हस्तक्षेप की वजह से मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा था।
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