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बिजली वाली यात्री ट्रेनें दस दिनों में

By Edited By: Updated: Sat, 26 Jan 2013 01:10 AM (IST)
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बोले डीआरएम

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-तब तक मुगलसराय-लखनऊ वाया वाराणसी दौड़ती रहेंगी मालगाड़ियां

-पैसेंजर ट्रेनों की भी बढ़ेगी रफ्तार

जागरण संवाददाता, वाराणसी : वाराणसी-सुल्तानपुर-उतरेटिया (लखनऊ) रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के चलाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। फरवरी के प्रथम सप्ताह से सवारी गाड़ियों के चलाने का शुभारंभ किया जाएगा। तब तक इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ियां दौड़ाई जाएंगी।

शुक्रवार को लखनऊ से दूरभाष पर मंडल रेल प्रबंधक जगदीप राय ने बताया कि रेलवे संरक्षा आयुक्त आरके कर्दम ने परीक्षण कार्य पूरा कर लिया है। इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी जा चुकी है। बुधवार की रात लखनऊ से मुगलसराय तक वाया वाराणसी बिजली के इंजन से मालगाड़ी सकुशल दौड़ाई भी गई।

गौरतलब है कि सितंबर सन 2007 में मुगलसराय-लखनऊ रेल खंड का विद्युतीकरण शुरू हुआ। यह परियोजना दो वर्ष पहले पूरी होनी थी लेकिन 2500 वोल्ट की बिजली सप्लाई के लिए जगह जगह सबस्टेशन बनाने में अतिरिक्त समय लगा। कुछ फुटओवर ब्रिज भी समस्या बन गए थे।

इस रेलखंड पर ट्रेनों का आवागमन पहले से ही है लिहाजा मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। डीआरएम ने जोर देकर कहा कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में इलेक्ट्रिक इंजन से सवारी गाड़ियां भी चलाने लगेंगे। खास यह कि पैसेंजर गाडि़यों की स्पीड भी बढ़ेगी। मुगलसराय-इलाहाबाद-कानपुर के बीच किसी प्रकार की बाधा आने पर भी इस रूट की ट्रेनें बिना डीजल इंजन लगाए वाराणसी होकर पास कराई जा सकती हैं। इतना ही नहीं, हावड़ा व पटना से जम्मूतवी को जाने वाली गाड़ियां हिमगिरि एक्सप्रेस, अकालतख्त एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस मुरादाबाद तक इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जा सकेंगी।

विद्युतीकरण एक नजर में

-कुल बजट 237.80 करोड़ रुपये

-रेलवे बोर्ड की स्वीकृति जुलाई 2006

-विद्युतीकरण का शुभारंभ सितंबर 2007

-कार्यदायी संस्था इरकॉन।

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