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रोजगार योजनाओं में अब अल्पसंख्यकों को आरक्षण

By Edited By: Updated: Tue, 21 Aug 2012 01:02 AM (IST)
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-एसजीएसवाई के साथ ही राष्ट्रीय आजीविका मिशन में हुए प्रावधान

-नक्सल प्रभावित सोनभद्र, मीरजापुर, व चंदौली के सभी गांव शामिल

एल. एन. त्रिपाठी

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वाराणसी : डेढ़ दशक से अधिक समय से संचालित स्वर्ण जयंती ग्रामीण स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) में अल्पसंख्यकों के लिए 15 प्रतिशत फंड आरक्षित किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा कुछ दिनों पूर्व प्रारंभ महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में भी अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण के प्रावधान किए गए हैं।

केन्द्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम -नेशनल रूरल लिविलीहुड मिशन) शुरू किया है। प्रारंभिक चरण में गरीबी रेखा के नीचे के सर्वाधिक परिवार वाले जिलों, ब्लाकों व गांवों को इसमें शामिल किया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश के 22 जिले के 88 ब्लाक लिए गए हैं। इसमें नक्सल प्रभावित सोनभद्र, चंदौली व मीरजापुर के सभी ब्लाकों व गांवों को शामिल किया गया है। इन चयनित ब्लाकों व गांवों को छोड़कर अन्य में स्वर्ण जयंती ग्रामीण स्वरोजगार योजना पूर्व की तरह ही चलती रहेगी। इसमें गरीबों के समूह बनाकर उन्हें रोजगार परक कार्यो से जोड़ा जाता है। इसके नियमों में अलबत्ता परिवर्तन कर दिया गया है। एसजीएसवाई व उप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक अजय कुमार उपाध्याय द्वारा हाल ही में जारी आदेश के अनुसार इन दोनों योजनाओं में जो भी फंड उपलब्ध तथा जो भी भौतिक लक्ष्य निर्धारित होंगे, उसका 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित रहेगा। योजना में एससी, एसटी के लिए 50 प्रतिशत जबकि महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत फंड आरक्षित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक एससी, एसटी के लिए आरक्षण होता था। नई व्यवस्था के तहत अल्पसंख्यकों के लिए अलग से आरक्षण दिए जाने से उनको गरीबी रेखा से उपर उठने में मदद मिलेगी।

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