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गोलू महोत्‍सव में बोले सीएम हरीश रावत, संस्‍कृति का सरंक्षण बेहद जरूरी

चितई में गोलू महोत्‍सव के शुभारंभ पर दीप प्रज्‍ज्‍वलित करने पहुंचे मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने संस्‍कृति बचाने पर जोर दिया और कहा कि इसका सरंक्षण बहुत जरूरी है।

By sunil negiEdited By: Updated: Sun, 19 Jun 2016 03:28 PM (IST)
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अल्मोड़ा, [जेएनएन]: चितई में गोलू महोत्सव के शुभारंभ पर दीप प्रज्ज्वलित करने पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संस्कृति बचाने पर जोर दिया और कहा कि इसका सरंक्षण बहुत जरूरी है।
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आज सुबह मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीन दिनी चलने वाले गोलू महोत्सव के पहले दिन कार्यक्रम में शिकरत की। संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने लोगों से कई बाते कहीं। सीएम रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में तमाम लोक कलाएं विलुप्ति की कगार में है। इसके संरक्षण के लिए हमें व्यापक प्रयास करने होंगे।

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उन्होंने कहा कि हमारा जोर पूरे दुनिया में उत्तराखंड राज्य की एक अलग पहचान बनाना है। कहा कि आज भगनौल, चाचरी, झोड़ा, छोलिया नृत्य को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लोक कलाओं की इन विधाओं के संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है, बस आम लोगों का साथ जरुरी है। कार्यक्रम में दूसरे राज्यों की कई सांस्कृतिक टोलिया भी भाग ले रही हैं।

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