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मशरूम उत्पादन में कोरियन तकनीक सफल

कोरियन तकनीक से मशरूम उत्पादन का कुमाऊं में सफल प्रयोग कर लिया गया है। कुमाऊं मंडल की अल्‍मोड़ा जनपद में मशरूम का करीब डेढ़ कुंतल रिकॉर्ड उत्पादन किया गया है।

By gaurav kalaEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2016 01:12 PM (IST)

रानीखेत, [जेएनएन]: उत्तराखंड में कोरियन तकनीक से मशरूम उत्पादन का कुमाऊं में सफल प्रयोग कर लिया गया है। कुमाऊं मंडल की अल्मोड़ा जनपद में ताड़ीखेत स्थित पहली यूनिट में औषधीय गुणों से भरपूर ऑइस्टर मशरूम का करीब डेढ़ कुंतल रिकॉर्ड उत्पादन किया गया है। उत्तराखंड में मिशन मशरूम की ब्रांड एंबेस्डर दिव्या रावत ने ताड़ीखेत के चौगांव में कुमाऊं की पहली मशरूम उत्पादन यूनिट पिछले माह ही स्थापित की थी।
महंगे पॉलीहाउस व अन्य महंगे उपकरणों से इतर प्राकृतिक रूप से मशरूम उत्पादन का देश के विभिन्न राज्यों में सफल प्रयोग करने के बाद उत्तराखंड में गढ़वाल को प्रयोग के लिए चुना गया था। चमोली, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी समेत करीब 6 जनपदों में कोरियन फार्मूला को आजमाने तथा सफल प्रयोग के बाद मिशन मशरूम की ब्रांड एंबेस्डर दिव्या रावत ने ताड़ीखेत ब्लॉक के चौगांव में बीते माह कुमाऊं की पहली यूनिट स्थापित की थी।

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साथ ही मनरेगा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक चंदन सिंह बिष्ट को बकायदा अपने मिशन का कुमाऊं प्रभारी नियुक्त किया था। पहाड़ों से पलायन रोकने तथा स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से चंदन सिंह ने मशरूम उत्पादन की पहल अपने घर से की इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। चंदन सिंह की इंडोर यूनिट में प्राकृतिक व सबसे सस्ती तकनीक से करीब डेढ़ कुंतल आइस्टर मशरूम का उत्पादन हुआ है। कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह देव ने कहा कि मशरूम उत्पादन को और अधिक विस्तार देने तथा उचित बाजार मुहैया कराने के लिए शीघ्र ही शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा।

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