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नौ के अंक ने बिगाड़ा उत्‍तराखंड में सियासी समीकरण, जानने को पढ़ें...

उत्‍तराखंड में राष्‍ट्रपति शासन लागू होने के बाद सियासी गलियारों में उठापटक तेज हो गई है। सभी की जुबान पर इस गंभीर मुद्दे को लेकर बहस मुहाबिस चल रही है। मगर इस घटनाक्रम के पीछे अंकों का रोचक गणित भी सामने आया है।

By Thakur singh negi Edited By: Updated: Mon, 28 Mar 2016 09:06 AM (IST)
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बागेश्वर। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सियासी गलियारों में उठापटक तेज हो गई है। सभी की जुबान पर इस गंभीर मुद्दे को लेकर बहस मुहाबिस चल रही है। मगर इस घटनाक्रम के पीछे अंकों का रोचक गणित भी सामने आया है। रोचक तथ्य यह है कि रावत सरकार के लिए नौ का अंक शुभ नहीं है। और इससे भी रोचक तथ्य है कि नौ का यह आंकड़ा उत्तराखंड की राजनीति से गहराई से जुड़ा है। चलिए जानते हैं इस नौ के जादूई आंकड़े को।
उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रपति शासन 27 यानी की आज लगा। 27 का जोड़ नौ है। इसी तरह सरकार अल्पमत में 18 मार्च को आई, मजेदार बात यह है कि इसका योग भी नौ ही है।
सरकार का आखिरी बजट सत्र नौ मार्च को ही हुआ। कांग्रेस के नौ बागी विधायकों ने उत्तराखंड में सियासी भूचाल ला दिया। सदन में बीजेपी के 27 विधायक थे यानि टोटल 2+7 = 9। उत्तराखंड में धारा 144 लागू हो गई है और इन अंकों का योग भी नौ ही है। नौ का जादूई आंकड़े की कहानी यहीं तक नहीं है। उत्तराखंड की स्थापना की तारीख नौ है और अगला जो मुख्यमंत्री बनेगी वह भी नौ नंबर का होगा। है ना जादूई आंकड़ा।

पढ़ें- उत्तराखंड में नौ बागी विधायकों की सदस्यता खत्म

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