बरात तैयार, विदेश से आते समय रास्ते में फंसा दुल्हा, फिर कैसे पहुंचा मंडप तक, पढ़ें,,
दुनिया में शादी करने के अजीबो-गरीब किस्से मशहूर हैं। इनमें एक नाम चमोली जिले के नरेंद्र का नाम भी जुड़ गया है। यह दुल्हा सिंगापुर से शादी के लिए हेलीकॉप्टर से गांव पहुंचा।
कर्णप्रयाग। दुनिया में शादी करने के अजीबो-गरीब किस्से मशहूर हैं। इनमें एक नाम चमोली जिले के नरेंद्र का नाम भी जुड़ गया है। यह दुल्हा सिंगापुर से शादी के लिए हेलीकॉप्टर से गांव पहुंचा। हेलीकॉप्टर जैसे ही गांव में लैंड हुआ परिजनों खुशी से उछल पड़े।
नरेंद्र सिंगापुर में मर्चेंट नेवी में सी मैन के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शादी 20 जनवरी को तय थी। मगर वे समय पर घर नहीं पहुंच पाए। दरअसल उनका जहाज 11 जनवरी को चेन्नई बंदरगाह पर पहुंच चुका था, मगर पठानकोट हमले के चलते जहाजों की सघन जांच की जा रही थी। उन्होंने जहाज के कैप्टेन से शादी का हवाला दिया, मगर उन्हें फिर भी अनुमति नहीं मिली।
20 जनवरी को जैसे ही अनुमति मिली वे चेन्नई एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए चल पड़े। इसके बाद दिल्ली से देहरादून भी वे हेलीकॉप्टर से आए। देहरादून से उनके गांव मैठाणा गांव की दूरी 245 किमी है। 21 को उनकी बारात जानी थी, लिहाजा वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। उन्होंने देहरादून से निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर बुक किया और दोपहर 12 बजे मैठाणा गांव पहुंचे।
सिंगापुर से गांव पहुंचे इस दुल्हे को देखकर नरेंद्र की मां भागीरथी और पिता जगत सिंह उनसे लिपट गए। इसके बाद शादी की रस्में शुरू की गई। नरेंद्र की शादी दयोलीबगड़ नंदप्रयाग की बिंदु से तय हुई थी। उनकी मेंहदी की रस्म 20 को थी, हालांकि उनके 21 को गांव पहुंचने पर गांव में एक अलग ही रौनक दिखी।
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