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चमोली के बिसोंणा गांव में फटा बादल, आठ मवेशी दफन

गैरसैंण के बिसोंणा गांव में बारिश के बाद गांव के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से मलबा गांव के दोनों किनारों को छूता हुआ खेतों की ओर बह गया।

By sunil negiEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2016 04:40 AM (IST)
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गैरसैंण (चमोली)। बीती देर रात गैरसैंण के बिसोंणा गांव में बारिश के बाद गांव के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से मलबा गांव के दोनों किनारों को छूता हुआ खेतों की ओर बह गया। इससे खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई व खेत मलबे से दब गए। वहीं मलबे में दो गाय सहित छह मवेशी जिंदा दफन हो गए, जबकि बड़ी संख्या में भैंस, गाय व बकरियों अभी भी लापता हैं।

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घटना की जानकारी मिलने के बाद भी घटनास्थल पर 18 घंटे तक ग्रामीण जिम्मेदार अधिकारी के पहुंचने का इंतजार करते रहे। आज दोपहर एक बजे बाद क्षेत्रीय विधायक डॉ. एपी मैखुरी, प्रभारी एसडीएम विवेक प्रकाश व तहसीलदार सुशीला कोठियाल राजस्व कर्मियों ने देर सांय नुकसान का मूल्यांकन किया।
बीती रात गैरसैंण ब्लॉक के चांदपुर क्षेत्र में भारी बारिश हुई, शाम सात बजे जंगलों से मवेशी घर की ओर लौट रहे थे कि गांव के शीर्ष पहाड़ी पर बादल फटने से मिट्टी पत्थर सहित पानी का तेज बहाव गांव की ओर बढ़ा। इससे अनजान मवेशी इस धारा में बह गए।

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गनीमत रह रही की मलबा गांव के उपर दो हिस्सों में बंट गया, इससे बड़ा हादसा टल गया और जान का कोई नुकसान नहीं हुआ। मलबा विक्रम सिंह नेगी के आवासीय भवन की दीवार तोड़कर घर में जा घुसा, जबकि गांव के दक्षिणी छोर स्थित प्राथमिक विद्यालय को भी नुकसान पहुंचा, गांव में पेयजल आपूर्ति दे रहे दोनों प्राकृतिक जलस्रोत मलबे से दब गये, जिससे आज गांव में पानी का संकट बना रहा।

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ग्राम प्रधान गीता देवी ने बताया कि खेतों में खड़ी प्याज व आलू की फसल बर्बाद हो गई है, और जलापूर्ति पूरा कर रहे प्राकृतिक जलस्रोतों के दबने से बरसाती पानी पीना मजबूरी बन गया है और पूरे गांव के सामने पानी संकट आ गया है। उधर रुद्रप्रयाग में भी चोपड़ा और तिलवाड़ा में बीती शाम को हुई तेज बारिश के चलते रुद्रप्रयाग-चोपड़ा-गढ़ीधार मोटरमार्ग पर कई स्थानों पर मलबा आ गया, इससे मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई।

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