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दादा की जिद में पोते की भी गई जान

चमोली जिले के घाट कस्बे में दादा की पेंशन पट्टा साथ ले जाने की जिद पोते पर भी भारी पड़ गई और देखते ही देखते दोनों नंदाकिनी नदी के उफान में समा गए।

By sunil negiEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2016 09:04 AM (IST)

गोपेश्वर, [देवेंद्र रावत]: चमोली जिले के घाट कस्बे में दादा की पेंशन पट्टा साथ ले जाने की जिद पोते पर भी भारी पड़ गई और देखते ही देखते दोनों नंदाकिनी नदी के उफान में समा गए। वाकया बीते रोज सुबह का है। विकासखंड मुख्यालय घाट में नंदाकिनी उफान पर थी, जिसकी जद में सेना से सेवानिवृत्त 80 वर्षीय रामचंद्र का मकान भी आ गया।

परिजनों ने रामचंद्र को सुरक्षित घर से बाहर निकाल दिया, लेकिन काल की गति देखिए, रामचंद्र ने घर में रखे पेंशन पट्टे को भी साथ ले जाने की जिद पकड़ ली। नतीजा, रामचंद्र के साथ उनका 18 वर्षीय पोता भी पेंशन पट्टा लेने मकान के भीतर चला गया। और..पलक झपकते ही मकान समेत दोनों को नंदाकिनी ने अपने आगोश में ले लिया।

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मूलरूप से चमोली जिले के ही ग्राम घूनी निवासी 80 वर्षीय रामचंद्र का घाट में मकान था, जिसमें वे परिवार के साथ रहते थे। बीते रोज सुबह जब नंदाकिनी नदी उफान पर आई तो उसकी चपेट में रामचंद्र का मकान भी आ गया। यह देख परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित स्थान पर चले गए।

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लेकिन, रामचंद्र को जाने क्या सूझी कि पेंशन पट्टा भी साथ ले जाने की जिद पर अड़ गए और मकान में घुस गए। इसी बीच उनके 18 वर्षीय पोते योगेश्वर प्रसाद ने नदी का पानी मकान में घुसते देखा तो दादा को लेने वह भी अंदर घुस गया। लेकिन, इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, नदी मकान समेत दोनों को बहा ले गई। बता दें कि स्कूल खुलने के चलते योगेश्वर प्रसाद एक दिन पहले ही दादा रामचंद्र के पास आया था।

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