शीतकाल को बंद हुए हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट
शीतकाल के लिए प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट विधि विधान के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंदी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही।
गोपेश्वर(चमोली), [जेएनएन]: सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब और हिंदुओं के तीर्थस्थल लोकपाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। तीन हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस अवसर के साक्षी बने। अब अगले साल कपाट खुलने तक गुरु ग्रंथ साहिब की अरदास गोविंदघाट गुरुद्वारे में की जाएगी। इसी के साथ चार धाम यात्रा का अंतिम चरण भी शुरू हो गया है।
समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब को हिमालय का पांचवा धाम भी कहा जाता है। मंगलवार सुबह दस बजे सेना के बैंड की धुन के साथ पहली अरदास शुरू हुई। सबसे पहले सुखमणि साहिब का पाठ किया गया। शबद कीर्तन के बाद मुख्य ग्रंथी सरदार मिलाप सिंह के नेतृत्व में श्रद्धालुओं ने अंतिम अरदास में भाग लिया। इसके बाद दोपहर बजे पंच प्यारों की अगुआई में गुरु ग्रंथ साहिब को सतखंड विराजमान किया गया।
दोपहर बाद ठीक 1.30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए गए और पंच प्यारों के साथ यात्रा घांघरिया के लिए रवाना हुई। मंगलवार को रात्रि विश्राम के बाद यात्रा बुधवार को गोविंदघाट पहुंचेगी। अब श्रद्धालु शीतकाल में गुरु ग्रंथ साहिब की अरदास यहीं करेंगे। गुरुद्वार प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस साल दो लाख चालीस हजार श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब में मत्था टेका।
दूसरी ओर वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के बाद लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए। इस अवसर पर भ्यूंडार गांव के हक हकूकधारियों के साथ यात्रियों ने कपाट बंदी के अवसर पर लोकपाल लक्ष्मण जी की पूजा अर्चना की।
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