उत्तराखंड के बाड़ाहोती से आगे तुन जुन ला तक है भारत की सीमा
बदरीनाथ के पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया ने कहा कि चमोली में भारत की सीमा बाड़ाहोती से तीन किलोमीटर आगे तुन-जुन-ला तक है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 19 Aug 2017 10:51 PM (IST)
जोशीमठ (चमोली), [जेएनएन]: बदरीनाथ के पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया ने कहा कि चमोली में भारत की सीमा बाड़ाहोती से तीन किलोमीटर आगे तुन-जुन-ला तक है। उन्होंने कहा कि पूर्व में बाड़ाहोती में भारतीय सेना तैनात रहती थी, लेकिन 1956 में भारत-चीन के बीच हुई संधि के बाद सेना को बाड़ाहोती से पहले रिमखिम में तैनात कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार में मंत्री रह चुके 88 वर्षीय केदार सिंह फोनिया का परिवार तिब्बत से व्यवसाय करने वाला प्रतिष्ठित परिवार था। शुक्रवार को जोशीमठ में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अपने पिता माधो सिंह फोनिया के साथ व्यापार के सिलसिले में वह खुद कई बार तिब्बत गए।केदार सिंह के अनुसार वर्ष 1960 तक नीती घाटी से लगातार व्यापारी तिब्बत आते-जाते थे। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद का हल हुए बिना भारत-चीन संबंधों में तनातनी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि बाड़ाहोती क्षेत्र में जो नो मेंसलैंड क्षेत्र घोषित किया गया है वह भारत का अभिन्न हिस्सा है। अब जबरन इस क्षेत्र को विवादित किया गया है।
अगर 1956 की संधि के दौरान ही यह विवाद निपटा दिया जाता तो आज सीमा पर तनातनी की स्थिति नहीं रहती। गौरतलब है कि सिक्किम में डोकलाम के बाद पिछले माह बाड़ाहोती में चीनी सेना की घुसपैठ से हड़कंप मच गया था। हालांकि सरकार इसे घुसपैठ मानने से इन्कार करती रही।
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