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भगवान विष्‍णु भी हैं इनके कर्जदार..., जानने के लिए पढ़ें खबर

यूं तो भगवान नारायण सबको धन-धान्य से परिपूर्ण करते हैं, मगर वह स्वयं आज भी धन के देवता एवं देवताओं के खजांची कुबेर के ऋणी हैं। यही वजह है कि प्रतिवर्ष बदरीनाथ धाम के कपाटोद्घाटन पर पर कुबेरजी नारायण से अपना ऋण वसूलने को उनकी पंचायत में विराजमान होते हैं।

By sunil negiEdited By: Updated: Sun, 15 May 2016 04:30 AM (IST)

जगजीत मेहता, बदरीनाथ (चमोली)। यूं तो भगवान नारायण सबको धन-धान्य से परिपूर्ण करते हैं, मगर वह स्वयं आज भी धन के देवता एवं देवताओं के खजांची कुबेर के ऋणी हैं। यही वजह है कि प्रतिवर्ष बदरीनाथ धाम के कपाटोद्घाटन पर पर कुबेरजी नारायण से अपना ऋण वसूलने के लिए उनकी पंचायत में विराजमान होते हैं।

पौराणिक एवं लोक प्रचलित मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान विष्णु ने किसी विशिष्ट प्रयोजन के लिए धन के देवता एवं देवताओं के खजांची कुबेर से ऋण लिया था। किंतु, काफी समय बीत जाने के बाद भी श्रीहरि कुबेर से लिया गया धन वापस नहीं कर पाए।
सो, ऋण की उगाही न होने के कारण धन के देवता कुबेर ने फैसला किया कि वे ग्रीष्म ऋतु में यात्राकाल के दौरान बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान से धन की वसूली करेंगे। कहते हैं कि कुबेर द्वारा दिए गए धन पर इतना ब्याज चढ़ चुका है कि अब तक उन्हें उनका मूल धन भी वापस नहीं मिल पाया।

लिहाजा भगवान नारायण आज भी कुबेर के कर्जदार बने हुए हैं। और...यही वजह है कि बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद आज भी प्रतिवर्ष कुबेर श्रीहरि से अपना कर्जा वसूलने के लिए बदरीश पंचायत में विराजित होते हैं।
बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि हालांकि धर्मग्रंथों में इसका कहीं भी उल्लेख नहीं है, लेकिन लोक प्रचलित मान्यताओं के चलते यह विश्वास बना हुआ है।

पढ़ें:-भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले

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