भूस्खलन से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर को खतरा
By Edited By: Updated: Tue, 05 Aug 2014 05:14 PM (IST)
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर परिसर में हो रहा भूस्खलन थम नहीं रहा है। एक पखवाड़े पूर्व शुरू हुआ भूस्खलन मंदिर धर्मशाला तक बढ़ गया है। बारिश की यही रफ्तार रही तो वह दिन दूर नहीं जब मंदिर को भी भूस्खलन से खतरा पैदा हो जाएगा। बावजूद इसके प्रशासन अभी तक मंदिर परिसर में हो रहे भूस्खलन के ट्रीटमेंट को लेकर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुख की पूजा होती है। एशिया में पशुपतिनाथ नेपाल के बाद यही एक मंदिर है जहां श्रद्धालु भगवान शिव के मुख दर्शन कर सकते हैं। यही वजह है कि प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा व जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। खासतौर पर सावन व रक्षाबंधन पर मंदिर में खास मेला लगता है। जिसमें शामिल होने के लिए स्थानीय ग्रामीणों के साथ देशी-विदेशी श्रद्धालु भी आते हैं, लेकिन इस वर्ष मंदिर परिसर में भूस्खलन मंदिर के लिए खतरा बन गया है। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट का कहना है कि मंदिर को भूस्खलन से होने वाले खतरे को लेकर प्रशासन को लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक भूस्खलन के ट्रीटमेंट को लेकर प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। पुजारी ने बताया कि भूस्खलन से मंदिर की धर्मशाला व मुख्य मंदिर तक को खतरा पैदा हो गया है। --------------------
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।