इस बार प्रतिकूल मौसम में भी महक रही फूलों की घाटी
विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर आपदा का कोई असर नजर नहीं आ रहा। यहां पर्यटकों की आवाजाही बदस्तूर जारी है और 2200 से अधिक पर्यटक अब तक घाटी का दीदार कर चुके हैं।
जोशीमठ, चमोली [रणजीत रावत]: बरसात के चलते जगह-जगह मार्ग अवरुद्ध होने से चारधाम यात्रा की गति भले ही मंद पड़ गई हो, लेकिन विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा। यहां पर्यटकों की आवाजाही बदस्तूर जारी है और 2200 से अधिक पर्यटक अब तक घाटी का दीदार कर चुके हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधिकारियों का कहना है कि यदि हाइवे दुरुस्त रहे तो फूलों की घाटी पहुंचने वाले पर्यटकों की तादात और भी बढ़ सकती है।
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फूलों की घाटी को वर्ष 1982 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा मिला। वर्ष 2005 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया। 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं।
साथ ही हिमालयी भालू, स्नो लेपर्ड, कस्तूरा मृग समेत कई दुर्लभ प्रजातियों के जीव, वनस्पति और पक्षी भी फूलों की घाटी में पाए जाते हैं। प्रकृति के इसी सौंदर्य का दीदार करने के लिए यहां देश-दुनिया के पर्यटक खिंचे चले आ रहे हैं ।
फूलों की घाटी पहुंचे पर्यटक
वर्ष----------भारतीय--------विदेशी
2012--------7053----------486
2013----------447-----------37
2014----------134-----------05
2015--------6066----------435
2016--------2088----------187 (अब तक)
खिले हैं 250 प्रजातियों के फूल
फूलों की घाटी में अगस्त से लेकर सितंबर तक 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इस समय 250 से अधिक प्रजाति के फूल यहां खिल चुके हैं। ये फूल घाटी के सौंदर्य में चार चांद लगा रहे हैं।
कुंडखाल मार्ग भी खुला
फूलों की घाटी से कुंडखाल ट्रैक के लिए भी मार्ग जाता है। साहसी पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार करने के बाद 19 किलोमीटर दूरी वाले कुंडखाल ट्रैक पर भी जाते हैं।
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इस साल बढ़ी पर्यटकों की संख्या
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, जोशीमठ (चमोली) के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी के मुताबिक इस वर्ष फूलों की घाटी में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। बरसात के चलते हालांकि पर्यटकों की आवाजाही कुछ कम है, लेकिन सड़क के दुरुस्त रहने पर इस संख्या में खासा इजाफा हो सकता है। इस वर्ष घाटी में बेहतर पर्यटन उम्मीद की है।
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