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अब बदरीनाथ हाईवे में भूस्खलन से जल्द मिलेगा छुटकारा

बदरीनाथ हाईवे में भूस्खलन की समस्या से जल्द छुटकारा मिल जाएगा। छह दशक से परेशानी के सबब बने नंदप्रयाग भूस्खलन जोन सहित पांच भूस्खलन जोन में स्थायी ट्रीटमेंट कार्य शुरू हो गया है।

By BhanuEdited By: Updated: Tue, 12 Sep 2017 10:55 PM (IST)
अब बदरीनाथ हाईवे में भूस्खलन से जल्द मिलेगा छुटकारा

गोपेश्वर, [जेएनएन]: बदरीनाथ हाईवे पर राह का रोड़ा बने दर्जनों भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट को लेकर हाईवे अथॉरिटी ने रणनीति बनाई है। छह दशक से परेशानी के सबब बने नंदप्रयाग भूस्खलन जोन सहित पांच भूस्खलन जोन में स्थायी ट्रीटमेंट कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए भूस्खलन जोन का मलबा हटाकर पहाड़ी की जाली से पैकिंग सहित अन्य कार्ययोजना अमल में लाई जा रही है। 

बदरीनाथ हाईवे पर एक दर्जन से अधिक भूस्खलन जोन लंबे समय से हाईवे की राह का रोड़ा बने थे। आए दिन भूस्खलन से राहगीरों को दिक्कतें हो रही थी। आपदा के बाद तो हाईवे की स्थिति बद से बदतर हो गई थी। केंद्र सरकार ने हाईवे को बेहतर बनाने के लिए निजी कंपनी से हाईवे का सर्वे कराया था। 

सर्वे कंपनी ने बिना भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट के इस हाईवे को बेहतर बनाने की परिकल्पना को नकारा था तथा स्थायी ट्रीटमेंट को जरूरी बताया था। केंद्र सरकार ने चमोली में लामबगड़ व मैठाणा भूस्खलन जोन की कार्ययोजना मंजूर कर ली थी, जिसके बाद इनके स्थायी ट्रीटमेंट का काम शुरू कर दिया गया था। 

नंदप्रयाग के परथाडीप, बिरही, हेलंग, गोङ्क्षवदघाट, गुलाबकोटी आदि भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट की कार्ययोजना को भी मंजूरी दी गई है। इन भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी एनएच लोनिवि ने मेगाफेरी कंपनी को दी है। 90 करोड़ की इस कार्ययोजना में हाईवे के ऊपर व नीचे भूस्खलन क्षेत्र में पहाड़ी काटकर मलबा हटाना, जाली, प्लेट व दीवार लगाकर भूस्खलन रोकने के साथ हाइड्रो सीडिंग का कार्य होना है। 

चमोली जिले में भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट की दिशा में कार्य शुरू होने से लोगों को भविष्य में बार-बार हाईवे के बाधित होने की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है।

लामबगड़ भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट कार्य बंद

बदरीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व लामबगड़ भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट का कार्य शुरू हो गया था। लेकिन बारिश के दौरान कंपनी को ट्रीटमेंट कार्य रोकना पड़ा। 98 करोड़ की राशि से हो रहे ट्रीटमेंट कार्य में मानसून के दौरान भूस्खलन से हाईवे सुचारु रखने को लेकर ही मेगाफेरी कंपनी के पसीने छूट गए। निर्माण कार्यों की स्थिति यह थी कि शुरुआती दौर में अलकनंदा नदी के किनारे सुरक्षा दीवार नदी के तेज बहाव से क्षतिग्रस्त भी हुआ था।

मैठाणा में ट्रीटमेंट कार्य भी हुआ क्षतिग्रस्त

जुलाई माह से चमोली जिले के दूसरे सबसे बड़े भूस्खलन जोन मैठाणा के स्थायी ट्रीटमेंट का कार्य मेगाफेरी ने शुरू किया था। हालांकि यह ट्रीटमेंट कार्य बड़े भूस्खलन क्षेत्र में अभी सुरक्षित है। लेकिन मुख्य भूस्खलन जोन में 50 मीटर से अधिक स्थायी ट्रीटमेंट कार्य क्षतिग्रस्त हो जाने से कार्यों की साख पर बट्टा लगा है। कंपनी क्षतिग्रस्त कार्य को दोबारा कर रही है।

चल रहा है ट्रीटमेंट कार्य 

एनएच के भूस्खलन ट्रीटमेंट कार्य प्रभारी रजत पांडे के मुताबिक चमोली जिले में भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट की कार्ययोजना अमल में लाई जा रही है। मैठाणा व लामबगड़ पर पहले ही कार्य शुरू कर दिया गया था। अब नंदप्रयाग परथाडीप, बिरही सहित अन्य भूस्खलन जोनों में भी स्थायी ट्रीटमेंट कार्य शुरू कर दिया गया है।

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