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निखरी रंगत में नजर आ रही फूलों की घाटी, जानिए खासियत

चमोली जिले में विश्व प्रसिद्ध फूलों की खाटी पर्यटकों को लुभा रही है। यहां करीब दो सौ प्रजातियों के पक्षियों ने डेरा डाल रखा है, वहीं फूलों की रंगत भी देखने लायक है।

By BhanuEdited By: Updated: Sat, 03 Jun 2017 09:06 PM (IST)
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निखरी रंगत में नजर आ रही फूलों की घाटी, जानिए खासियत
जोशीमठ, चमोली [जेएनएन]: चमोली जिले में विश्व प्रसिद्ध फूलों की खाटी पर्यटकों को लुभा रही है। यहां करीब दो सौ प्रजातियों के पक्षियों ने डेरा डाल रखा है, वहीं फूलों की रंगत भी देखने लायक है। 

सुर्ख बुरांश तो आपने देखा व सुना होगा, मगर यह सफेद भी होता है। राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्र की शान इस बुरांश के पेड़ों पर गर्मियों में बर्फ पिघलने के बाद खिलता है सफेद फूल। विश्व धरोहर फूलों की घाटी में भी इन दिनों सफेद बुरांश की रंगत निखरी हुई है और यह सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। 

इसके अलावा घाटी में फूलों की अन्य प्रजातियों का दीदार करने के साथ ही तीन हिमखंडों से गुजरना भी खासा रोमांचक है। प्रकृति के इन नजारों से सैलानी करीब से रूबरू हो रहे हैं। उत्साह का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दो दिन में 94 पर्यटक यहां की सैर कर चुके हैं, जिनमें 25 विदेशी हैं।

फूलों की घाटी को एक जून से सैलानियों के लिए खोल दिया गया। जैवविविधता के लिए मशहूर घाटी फूलों का घर है। यहां पाई जाने वाली फूलों की 500 प्रजातियों में ही शुमार है सफेद बुरांश (रोडोडेंड्रॉन कैम्पेनुलेटम)। 

दुर्लभतम श्रेणी का यह फूल इस घाटी में कौतुहल का केंद्र है। वजह ये कि सभी के मन मस्तिष्क में सुर्ख बुरांश (रोडोडेंड्रॉन आरबोरियम) ही रचा-बसा है। फूलों की घाटी से लौटे नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप प्रभागीय वनाधिकारी श्रवेश कुमार दुबे बताते हैं कि यहां समूची घाटी में फूलों की छटा देखते ही बनती है।

सैलानियों में सफेद बुरांश को लेकर अधिक उत्सुकुता देखने को मिली। दुबे के अनुसार घाटी को जोड़ने वाले ट्रैक पर बामणधौड सहित दो स्थानों पर हिमखंडों को काटकर मार्ग बनाया गया है। इनसे होकर गुजरना भी रोमांचक अनुभव है।

परिंदों की 200 प्रजातियों का डेरा

समूची फूलों की घाटी परिंदों को भी खूब भा रही है। दुबे बताते हैं कि वर्तमान में यहां 200 से अधिक प्रजातियों के परिंदों ने डेरा डाला हुआ है। इनका मधुर कलरव भी सैलानियों को खूब आनंदित कर रहा है। 

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