उत्तराखंड में महंगी दर पर आर्डर किए 11 लाख ओआरएस पैकेट
स्वास्थ्य विभाग डायरिया कंट्रोल सप्ताह के लिए 11 लाख ओआरएस पैकेट भी अधिक दाम पर खरीदने जा रहा है। विभाग ने पांच रुपये प्रति पैकेट की दर से आर्डर भी दे दिया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 15 May 2017 06:00 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: एक्स-रे फिल्म और कंट्रास्ट आदि महंगी दर पर खरीदने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग 25 मई से शुरू होने वाले डायरिया कंट्रोल सप्ताह के लिए 11 लाख ओआरएस पैकेट भी अधिक दाम पर खरीदने जा रहा है। विभाग ने पांच रुपये प्रति पैकेट की दर से आर्डर भी दे दिया है। यह राशि अन्य राज्यों व जेनरिक दर के मुकाबले औसतन 2.89 रुपये अधिक है।
स्वास्थ्य विभाग को डायरिया कंट्रोल सप्ताह में ओआरएस के पैकेट बच्चों को दस्त से बचाने के लिए नि:शुल्क वितरित करने हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमे ने अन्य राज्यों की दरों का आकलन किए बिना ही ऊंची दर पर 11 लाख पैकेट खरीदने का ऑर्डर दे दिया। जबकि छत्तीसगढ़, बिहार, तमिलनाडु आदि राज्यों समेत जेनरिक में ओआरएस खरीदने की दर 1.84 रुपये से अधिकतम 2.29 रुपये के बीच है। अन्य राज्यों की औसत दर निकाली जाए तो यह 2.11 रुपये प्रति पैकेट बैठ रही है। इससे सरकार को 31.73 लाख रुपये की चपत भी लगनी तय है।उत्तराखंड व अन्य राज्यों की दर (प्रति पैकेट रु. में)
राज्य-------------------राशि------------अंतरतमिलनाडु--------------1.84-----------3.16
छत्तीसगढ़--------------2.03----------2.97बिहार--------------------2.29----------2.71जेनरिक------------------2.30----------2.70कैग की रिपोर्ट की भी परवाह नहींस्वास्थ्य विभाग का यह खेल तब सामने आया है, जब दवा खरीद पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी/कैग) पहले ही सवाल खड़े कर चुका है। कुछ दिनपहले जारी की गई कैग की रिपोर्ट में दून चिकित्सालय एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से 7.80 करोड़ रुपये की दवाओं को एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से अधिक पर खरीदने को लेकर सवाल खड़े किए जा चुके हैं। कैग रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि दवाओं की खरीद एमआरपी दर पर और इससे 05 से 20 फीसद अधिक दर पर की गई है। इससे सरकार को 1.06 करोड़ रुपये की हानि होने का जिक्र भी रिपोर्ट में किया गया। यदि स्वास्थ्य विभाग कैग रिपोर्ट को गंभीरता से लेता तो यह नया खेल सामने नहीं आता।वहीं, महानिदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. डीएस रावत का कहना है कि ओएआरएस की खरीद क्रय नीति के अनुसार की जा रही है। नीति में जिन चार दवा कंपनियों का जिक्र किया गया है, उन्हीं से दवाएं खरीदी जा रही हैं। इसलिए इस खरीद का टेंडर भी जारी नहीं किया गया।यह भी पढ़ें: केंद्र से बरसने लगी मेहर, राज्य को हरित विकास के लिए दिए 960 करोड़ रुपये यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: केंद्र से मिला बजट खर्च नहीं, सीएम सख्त
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।