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पद्म भूषण कुंवर सिंह नेगी नहीं रहे

By Edited By: Updated: Thu, 20 Mar 2014 09:22 PM (IST)

जागरण संवाददाता, देहरादून: विभिन्न धर्मग्रंथों को ब्रेल लिपि में प्रकाशित कर जरूरतमंदों को इन ग्रंथों को निशुल्क उपलब्ध कराने वाले पद्मभूषण कुंवर सिंह नेगी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में परिजनों समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने शिरकत की। केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा ने इसे समूचे सिख समाज के लिए क्षति बताया है।

सिंह सभा के उपाध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह सेठी ने बताया कि धार्मिक पुस्तकों को ब्रेल लिपि में प्रकाशित कर उन्हें नेत्रहीनों को उपलब्ध कराना स्व. नेगी का शौक नहीं मिशन था। इस अभूतपूर्व कार्य के लिए उन्हें पहले पद्मश्री और फिर पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया। शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से भी उन्हें सिख गौरव सम्मान प्रदान किया गया। सरदार कुंवर सिंह नेगी ने 'महाराजा रणजीत सिंह सोसायटी इन ब्रेल' नामक संस्था के लिए पूर्व राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला की पुस्तक 'माई अदर टू डाटर्स' को भी ब्रेल लिपि में रूपांतरित किया। उन्हें सिख समाज में हमेशा महानायक की तरह याद किया जाएगा।

अंतिम संस्कार के मौके पर स्व. नेगी के परिजनों समेत अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, सरदार हरपाल सिंह सेठी, गुरुद्वारा प्रेमनगर के अध्यक्ष डॉ. मनमोहन सिंह, गुरुद्वारा पटेल नगर के अध्यक्ष गुरमीत सिंह दुग्गल, जसबीर सिंह, कुंवर जपेंद्र सिंह, माकपा के जिला सचिव सुरेंद्र सिंह सजवाण, लेखराज, अनंत आकाश, राहुल पंवार, हरकीरत सिंह जस्सल, सुरेंद्र कौर सागर आदि मौजूद रहे।

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