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देहरादून तक भी दौड़ सकेंगी बिजली से ट्रेन

दीपक जोशी, रायवाला: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद हरिद्वार से देहरादून के बीच आखिरकार रेलवे के विद्य

By Edited By: Updated: Wed, 22 Jul 2015 10:11 PM (IST)
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दीपक जोशी, रायवाला:

आखिरकार लंबे इंतजार के बाद हरिद्वार से देहरादून के बीच आखिरकार रेलवे के विद्युतिकरण की राह साफ हो गई है। राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क की ओर से जारी शर्ते स्वीकारने के बाद रेलवे ने बिजली से चलने वाली ट्रेनों के लिए विद्युतिकरण भी शुरू कर दिया है।

देहरादून हरिद्वार के बीच तकरीबन 15 से भी ज्यादा ट्रेनों की आवाजाही होती है। हरिद्वार तक पहले से ही रेलवे लाइनें बिजली से जुड़ी है। लिहाजा, यहां तक बिजली से चलने वाले इंजनों से ही रेलवे की आवाजाही होती रही है। लेकिन, हरिद्वार से देहरादून तक 52 किमी लंबे ट्रेक के विद्युतिकरण ना होने से इस बीच ट्रेने अन्य ईधनों से ही संचालित होती रही है। ट्रेक के मध्य 18 किमी लंबे राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क क्षेत्र आने से यहां विद्युतिकरण की राह आसान नहीं रही। रेलवे ने बीते सालों में यहां विद्युतिकरण की कवायद शुरू की तो वन्य जीवों की सुरक्षा का मसला बीच में आ गया। अब राष्ट्रीय वन्य जीव परिषद की ओर से शर्तो के साथ पार्क क्षेत्र में विद्युतिकरण की अनुमति मिल चुकी है। परिषद की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद पार्क प्रशासन ने भी रेलवे को विद्युतिकरण की अनुमति दे दी है। हालांकि, देहरादून हरिद्वार रेलवे ट्रैक का विद्युतिकरण का ज्यादातर काम पहले ही पूरा हो चुका था। रेलवे की बीती जून तक ही बिजली से चलने वाली ट्रेन ट्रेक पर चलाने की योजना थी। अब परिषद की शर्तो के अनुसार विद्युतिकरण के साथ ही रेलवे को रेलवे ट्रैक के नीचे स्थित पुलों की साफ सफाई, मोतीचूर-चीला गलियारे पर स्थित रेलवे पुल की ऊंचाई बढ़ाने और संवेदनशील क्षेत्रों में फेन्सिंग व जफंर की ऊंचाई बढ़ाने जैसी कई महत्वपूर्ण कार्य करने होंगे। माना जा रहा है कि इससे वन्य जीवों की आवाजाही सरल और सुरक्षित बनी रहेगी।

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यह थी पार्क की शर्ते

-पार्क क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर जहां भी पुल हैं उनकी साफ सफाई कराई जाए ताकि वन्य जीव व हाथी इनसे होकर आवागमन कर सकें।

-पार्क क्षेत्र में ट्रेनों की रफ्तार कम रखी जाए।

-ट्रैक व उसके आस-पास के क्षेत्र की निगरानी के लिए वन विभाग को रेलवे धन मुहैया कराए।

-संवेदनशील क्षेत्रों व वन्य जीव गलियारों पर इलेक्ट्रिक फेसिंग कराई जाए।

-जरूरत वाले जगहों पर पुल की ऊंचाई बढ़ाई जाए।

-घाटी वाले इलाकों का चौड़ीकरण कराया जाए।

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नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद रेलवे को एनओसी जारी की गई है। रेलवे ने पार्क की अधिकांश शर्तो को स्वीकार किया है।

नीना ग्रेवाल, निदेशक, राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क

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