निजी स्कूलों की मनमानी पर अभिभावक लामबंद
जागरण संवाददाता, देहरादून: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक फिर लामबंद होने लगे हैं। मंगलवार
जागरण संवाददाता, देहरादून: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक फिर लामबंद होने लगे हैं। मंगलवार को उन्होंने जनक्रांति विकास मोर्चा के बैनर तले जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज शिक्षा नीति में परिवर्तन की मांग की है।
शहरभर के अभिभावक मंगलवार सुबह नगर निगम में एकत्र हुए। यहां से स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च निकाला। फीस बढ़ोतरी, कॉपी-किताबों का विशेषीकरण, सरकारी स्कूलों की बदहाली आदि मसलों पर सात सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के जरिये मुख्यमंत्री को भेजा। जनक्रांति विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष अमित जैन ने कहा कि स्कूल हर साल अपनी मनमानी करते हैं, जो अभिभावकों पर भारी पड़ती है। स्कूलों की मनमानी के कारण बच्चों को भी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी के चलते सरकारी स्कूल बदहाल हैं। यही कारण है कि निजी स्कूलों में लूट का बाजार और भी फल-फूल रहा है। उन्होंने सरकार से शिक्षा नीति में परिवर्तन की मांग की। इस मौके पर अवधेश पंत, अंजय वर्मा, प्रदीप कुकरेती, विजेंद्र बंसल, संजय भट्ट, सुरेश नेगी, अंबुज शर्मा, सद्दन जैदी सहित काफी संख्या में अभिभावक मौजूद रहे।
यह हैं अभिभावकों की मांगें
-निजी स्कूलों में दाखिले के नाम पर ली जाने वाली प्रवेश शुल्क और बिल्डिंग फंड आदि की अवैध वसूली पर लगाम।
-फीस बढोतरी, कॉपी-किताबों का विशेषीकरण, हर साल कॉपी-किताबों का बदला जाना, विशेष दुकानदार के निर्धारण पर रोक।
-शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों का ऐडमीशन सुनिश्चित किया जाए।
-इंजीनिय¨रग और मेडिकल एजुकेशन के लिए सरकार द्वारा ऋण की व्यवस्था की जाए।
-राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाया जाए। ताकि निजी स्कूलों की मनमानी खत्म हो।
-सरकारी स्कूलों में शौचालय और पेयजल आदि बुनियादी सुविधाएं बेहतर की जाएं।
-शिक्षा नीति में परिवर्तन कर सबको समान शिक्षा की व्यवस्था की जाए।