Move to Jagran APP

सीबीआइ ने खारिज किया रावत कैबिनेट का फैसला

राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण को लेकर सीबीआइ ने प्रदेश सरकार को झटक

By Edited By: Updated: Thu, 19 May 2016 01:00 AM (IST)
Hero Image

राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण को लेकर सीबीआइ ने प्रदेश सरकार को झटका दिया है। सीबीआइ ने राज्य कैबिनेट के सीबीआइ जांच की पूर्व की अधिसूचना वापस लेने के फैसले को खारिज कर दिया है। कानून मंत्रालय से विधिक राय लेने के पश्चात सीबीआइ ने जांच जारी रखने का निर्णय लिया है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही सीबीआइ पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत को फिर से समन जारी कर सकती है। उधर, शासन ने भी मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की जांच को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। एसआइटी में पुलिस महानिरीक्षक पुलिस आधुनिकीकरण जीएन गोस्वामी, अपर सचिव गृह अजय रौतेला और एसपी चंपावत डीएस कुंवर को शामिल किया गया है।

प्रदेश में बीते मार्च महीने में शुरू हुए राजनीतिक घमासान के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक स्टिंग ने सियासी गलियारों के साथ ही जनता में हलचल मचा दी थी। 26 मार्च को जारी इस स्टिंग में मुख्यमंत्री को विधायकों की खरीद फरोख्त के संबंध में बातें करते दिखाया गया था। शुरुआत में कांग्रेस ने इस सीडी में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री ने सीडी में खुद के होने की बात तो मानी थी लेकिन इसे एक फरेब बताया था। बागी विधायक डॉ. हरक सिंह रावत की शिकायत पर राजभवन ने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की। सीबीआइ ने पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी तलब किया था लेकिन सदन में बहुमत परीक्षण में व्यस्त होने का हवाला देते हुए वे पूछताछ के लिए नहीं गए। इसके बाद राज्य कैबिनेट ने गत रविवार को राष्ट्रपति शासन के दौरान स्टिंग प्रकरण की सीबीआइ जांच की अधिसूचना को वापस लेने का फैसला ले लिया। साथ ही मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय एसआइटी के गठन करने का निर्णय लिया।

केंद्र ने राज्य कैबिनेट के इस फैसले पर कानून मंत्रालय से राय मांगी थी। दिल्ली में सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्रालय ने राज्य कैबिनेट की सिफारिश को अवैध माना है। कानून मंत्रालय ने यह बताया कि एक बार राज्य सरकार किसी जांच की संस्तुति करती है उस पर केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय अधिसूचना जारी करता है। उसके बाद मामले की जांच शुरू होती है। इस प्रकरण में जांच शुरू हो चुकी है। ऐसे में जांच वापस नहीं हो सकती। सूत्रों ने बताया कि जल्द ही मुख्यमंत्री हरीश रावत को पूछताछ के लिए समन भेजा जा सकता है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह पूछताछ दिल्ली में होगी या फिर देहरादून में। माना यह भी जा रहा है कि केंद्र के इस निर्णय के खिलाफ सरकार न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकती है।

उधर, शासन ने भी स्टिंग प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया है। प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पंवार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गए हैं। जांच की कोई सीमा तय नहीं की गई है। एसआइटी को जल्द ही जांच पूरी कर शासन को सौंपने को कहा गया है। इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार के माध्यम से बताया कि इस प्रकरण में जो भी विधिसम्मत होगा वह किया जाएगा। सरकार अपने अधिकार व अपने मंतव्य पर कायम है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।