बंजर हो गई देश की 32 फीसद जमीन, जानिए क्या है कारण
देश की 32 फीसद जमीन बंजर हो गई है। यह क्षेत्रफल 105.49 मिलियन हेक्टेयर है। गंभीर यह कि इसमें से 25 फीसद भूभाग पूरी तरह मरुस्थलीकरण से ग्रसित हो गया है।
By sunil negiEdited By: Updated: Sat, 18 Jun 2016 10:07 AM (IST)
देहरादून, [सुमन सेमवाल]: विश्व की जनसंख्या में दूसरा स्थान रखने वाले भारत के लिए यह खबर बेहद चिंताजनक है। देश की 32 फीसद जमीन बंजर हो गई है। यह क्षेत्रफल 105.49 मिलियन हेक्टेयर है। गंभीर यह कि इसमें से 25 फीसद भूभाग पूरी तरह मरुस्थलीकरण से ग्रसित हो गया है। देश की भूमि के बंजर होने की हकीकत भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आइसीएफआरई) की रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में युनाइटेड नेशंस कनवेंशन टु कंबैट डेजर्टिफिकेशन को भी भेजी गई है।
पढ़ें:-ऐसा क्या होगा कि 21 जून को एक पल के लिए गायब हो जाएगी हमारी परछाई, क्लिक करें..आइसीएफआरई के सहायक महानिदेशक (जैवविविधता व जलवायु परिवर्तन) डॉ. टीपी सिंह के मुताबिक खेतों में रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से अम्लता बढ़ रही है। इससे भूमि सबसे अधिक बंजर हो रही है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पंजाब से अधिक शिकायत सामने आई हैं। पंजाब में भूजल का अत्यधिक दोहन भी इसका कारण बन रहा है। यहां मीठे जल में कमी आने व निचले स्तर पर मिलने वाले खारे पानी के ऊपर आने से अम्लता का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है।पढ़ें:-गंगोत्री स्थित सूर्यकुंड में दिया था भगीरथ ने सूर्य को अर्घ्य
भूमि को क्षरण से बंजर बनाने में बारिश का पानी सबसे अधिक कारण बन रहा है। पानी से 33.55 मिलियन हेक्टेयर भूमि बंजर हुई है। वहीं, हरियाली घटने से 31.66 मिलियन हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है। तीसरे स्थान पर हवा से सर्वाधिक 17.56 मिलियन हैक्टेयर भूमि बंजर हो रही है। इस श्रेणी में राजस्थान का स्थान पहला है। उत्तराखंड की बात करें तो यहां पानी से होने वाले भूक्षरण से जमीन को नुकसान पहुंच रहा है। छोटा प्रदेश होने के बाद भी देश की बंजर भूमि का कुल 2.83 फीसद हिस्सा अकेले उत्तराखंड का है। पढ़ें-केदारनाथ मंदिर इतने सौ सालों तक दबा रहा बर्फ के अंदर, जानने के लिए पढ़ें.
2030 तक थामनी है बजंर होने की रफ्तार
आइसीएफआरई के सहायक महानिदेशक डॉ. टीपी सिंह के अनुसार देश की जमीनों के बंजर होने की रफ्तार को वर्ष 2030 तक शून्य करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में संस्थान रेड प्लस व स्लेम (सस्टेनेबल लैंड एंड ईकोसिस्टम मैनेजमेंट) परियोजनाओं पर काम कर रहा है। वल्र्ड बैंक ने इस काम के लिए दूसरे चरण के लिए 32 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं। सितंबर से इस पर धरातलीय कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।
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वर्ष 2018 को सौंपी जाएगी अगली रिपोर्ट
डॉ. टीपी सिंह ने बताया कि रियो कनवेंशन 1992 के अनुसार हर दो साल में जमीनों के बंजर होने की रिपोर्ट युनाइटेड नेशंस कनवेंशन टु कंबैट डेजर्टिफिकेशन को भेजी जाती है। अगली रिपोर्ट वर्ष 2018 में सौंपी जाएगी। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। पढ़ें:-अब छिपे नहीं रहेंगे बृहस्पति ग्रह के राज, जूनो अंतरिक्ष यान बताएगा वहां के हाल
बंजर भूमि वाले टॉप टेन प्रदेश
राजस्थान 22.97, जम्मू एंड कश्मीर 13.50, गुजरात 13.42, महाराष्ट्र 13.36, उड़ीसा 5.47, आंध्र प्रदेश 4.96, उत्तराखंड 2.98, पश्चिम बंगाल 2.66, असोम 2.42, उत्तर प्रदेश 2.24 पढ़ें:-केदारनाथ आपदाः कदम तो बढ़े, मगर आहिस्ता-आहिस्ता
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डॉ. टीपी सिंह ने बताया कि रियो कनवेंशन 1992 के अनुसार हर दो साल में जमीनों के बंजर होने की रिपोर्ट युनाइटेड नेशंस कनवेंशन टु कंबैट डेजर्टिफिकेशन को भेजी जाती है। अगली रिपोर्ट वर्ष 2018 में सौंपी जाएगी। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। पढ़ें:-अब छिपे नहीं रहेंगे बृहस्पति ग्रह के राज, जूनो अंतरिक्ष यान बताएगा वहां के हाल
बंजर भूमि वाले टॉप टेन प्रदेश
राजस्थान 22.97, जम्मू एंड कश्मीर 13.50, गुजरात 13.42, महाराष्ट्र 13.36, उड़ीसा 5.47, आंध्र प्रदेश 4.96, उत्तराखंड 2.98, पश्चिम बंगाल 2.66, असोम 2.42, उत्तर प्रदेश 2.24 पढ़ें:-केदारनाथ आपदाः कदम तो बढ़े, मगर आहिस्ता-आहिस्ता