उत्तराखंड में 361 पहुंची बाघों की संख्या, सीएम ने जारी किए आंकड़े
राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे उत्तराखंड ने इस दिशा में फिर सफलता की इबारत लिखी है। अब राज्य में बाघों की न्यूनतम संख्या बढ़कर 361 हो गई है।
देहरादून, [जेएनएन]: राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे उत्तराखंड ने इस दिशा में फिर सफलता की इबारत लिखी है। बाघों की प्रमुख सैरगाह कार्बेट टाइगर रिजर्व में इनकी न्यूनतम संख्या 163 से बढ़कर अब 208 हो गई है, जबकि राजाजी टाइगर रिजर्व में यह आंकड़ा 16 से बढ़कर 34 पहुंच गया है।
इसके अलावा इन संरक्षित क्षेत्रों से बाहर पश्चिमी वृत्त में गत वर्ष बाघों की तादाद 119 आई थी। इस प्रकार अब राज्य में बाघों की न्यूनतम संख्या बढ़कर 361 हो गई है, जो 2014 में हुई अखिल भारतीय स्तर की गणना में आए 340 के आंकड़े से 21 अधिक है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को देहरादून में दोनों टाइगर रिजर्व में हुई सालाना बाघ गणना के ताजा आंकड़े जारी किए। इस मौके पर उन्होंने वन महकमे की पीठ थपथपाई और कहा कि अब वह दिन दूर नहीं, जब बाघ संरक्षण में उत्तराखंड देश में सिरमौर होगा।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक टाइगर रिजर्व को प्रतिवर्ष अपने यहां बाघों की गणना करानी आवश्यक है। इस कड़ी में उत्तराखंड के दोनों टाइगर रिजर्व कार्बेट और राजाजी में बीते नवंबर से इस साल अपै्रल तक कैमरा ट्रैप विधि से बाघों की गणना की गई।
इसके आधार पर जो आंकड़े सामने आए, उससे महकमे की बांछे खिल गईं। कार्बेट टाइगर रिजर्व के रामनगर डिविजन में न्यूनतम 99 और कालागढ़ डिविजन में 109 बाघ मिले। इसके अलावा छह शावकों की पहचान भी की गई। वहीं, राजाजी टाइगर रिजर्व में अनुश्रवण में बाघों की न्यूनतम संख्या 34 सामने आई। इसके अलावा पांच शावक भी चिह्नित किए गए।
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दोनों रिजर्व में बाघों की गणना के ताजे आंकड़े जारी करते हुए कहा कि बाघ संरक्षण की दिशा में उत्तराखंड शानदार कार्य कर रहा है। इस मौके पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, योगगुरु स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह व ओमप्रकाश, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीवीएस खाती समेत कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशकों समेत विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बाघ गणना के खास बिंदु
कार्बेट टाइगर रिजर्व
467 कैमरे गणना में हुए इस्तेमाल
424870 फोटो कैमरा टै्रप में मिले
3892 कैमरे में कैद बाघों के फोटो
2539 तस्वीरें उपयोग में लाई गईं
राजाजी टाइगर रिजर्व
562 कैमरे उपयोग में लाए गए
15330 फोटो कैमरा ट्रैप में मिले
620 तस्वीरें बाघों की मिलीं
दायें और बायें पहलू का मिलान
बाघ गणना के लिए अपनाई गई कैमरा ट्रैप विधि में प्रत्येक कैमरा बिंदु पर दो कैमरे लगाए गए। बाघों के दायें और बायें भाग की फोटो का मिलान कर गणना की गई। कार्बेट में 96 बाघों के केवल दायें पहलू मिले, जिन्हें गणना में शामिल नहीं किया गया। इस बार विभाग ने गणना स्वयं की। हालांकि, ट्रेनिंग आदि में विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) का सहयोग लिया गया। इससे पहले विभाग भारतीय वन्यजीव संस्था की मदद लेता था।
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