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शक्तिमान को लगाया अमेरिका से लाया गया कृत्रिम पांव, जल्‍द चलने की उम्‍मीद

विधानसभा सत्र की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात घोड़ा शक्तिमान 14 मार्च को भाजपा के विधानसभा कूच के दौरान जख्मी हो गया था। नौ अप्रैल की देर रात अमेरिका से लाया गया स्थायी कृत्रिम पांव शक्तिमान को लगा दिया गया। अब जल्द उसके चलने की उम्मीद है।

By sunil negiEdited By: Updated: Mon, 11 Apr 2016 10:51 AM (IST)
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देहरादून। नौ अप्रैल की देर रात अमेरिका से लाया गया स्थायी कृत्रिम पांव शक्तिमान को लगा दिया गया। हालांकि, अभी वह अपने दूसरे पांव पर ही जोर दे रहा है। चिकित्सकों की टीम व पुलिस कप्तान डॉ. सदानंद दाते ने शक्तिमान के जल्द चलने की उम्मीद जताई है। उसकी हैंगिंग बेल्ट हटा दी गई है। बेल्ट की वजह से उसके शरीर पर कई गहरे घाव हो चुके हैं।
गौरतलब है कि बीती 14 मार्च को विधानसभा सत्र की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात घोड़ा शक्तिमान भाजपा के विधानसभा कूच के दौरान जख्मी हो गया था। भाजपा नेता व विधायक गणेश जोशी समेत तीन अन्यों पर उसे डंडा मारकर पैर तोड़ने का आरोप है।

घायल होने के तीन दिन बाद टूटे पांव में संक्रमण के कारण चिकित्सकों को घोड़े का जख्मी पांव काटकर अस्थाई कृत्रिम पैर लगा दिया था। लेकिन, ज्यादा वजन होने से शक्तिमान खड़ा नहीं हो पाया। जिस पर उसके लिए स्थायी कृत्रिम पांव बनाने का आर्डर अमेरिका में दिया गया।


शक्तिमान का पूर्व में आपरेशन कर चुकी अमेरिकी चिकित्सक जेनी मेरी वॉन ने यह पांव एक व्यक्ति के जरिये शनिवार को दून मंगवाया। एसएसपी डॉ. दाते के मुताबिक देर रात ही डॉ. वॉन ने शक्तिमान को नया पांव लगा दिया। हालांकि, अभी वह उक्त पांव पर जोर नहीं दे पा रहा। उसका जोर दूसरे पांव पर ही पड़ रहा है। इस वजह से उसे खड़े रहने में तकलीफ हो रही है।

फेसबुक से पांव लाने में मदद, मसीहा बने जॉन टिमोथी
शक्तिमान का पांव अमेरिका से हजारों मील दूर देहरादून लाने में फेसबुक ने बड़ी भूमिका निभाई। दरअसल, पैर अमेरिका से कुरियर के जरिये देहरादून भेजा जाना था। जिसमें करीब आठ-दस दिन लग जाते। इसलिए डॉ. वॉन ने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया कि 'अगर कोई व्यक्ति भारत आ रहा है तो वह मुझसे संपर्क करे। उन्हें शक्तिमान के लिए पांव मंगवाना है।' इस पर न्यूयार्क के मोहाने जॉन टिमोथी ने डॉ. वॉन से संपर्क किया और वर्जीनिया जाकर पांव लेकर वह न्यूयार्क वापस पहुंचे और वहां से दिल्ली। फिर दिल्ली से देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे। यहां पुलिस की टीम व डॉ. वॉन से पैर को रिसीव किया। टिमोथी उनके साथ शक्तिमान को देखने पुलिस लाइन भी आए। बताया जा रहा है कि इस काम को करने के लिए जॉन टिमोथी ने कोई रकम नहीं ली। वह अपने खर्चे पर देहरादून तक आए।
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