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उत्‍तराखंड : भाजपा विधायक निश्चिंत, अपने क्षेत्रों में डटे

प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी जहां अपने विधायकों को हिमाचल प्रदेश व अन्य स्थानों पर शिफ्ट करने में जुटी है, वहीं भाजपा इस मामले में निश्चिंत मुद्रा में है। भाजपा के अधिकतर विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं।

By sunil negiEdited By: Updated: Sun, 03 Apr 2016 09:16 AM (IST)
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देहरादून। प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी जहां अपने विधायकों को हिमाचल प्रदेश व अन्य स्थानों पर शिफ्ट करने में जुटी है, वहीं भाजपा इस मामले में निश्चिंत मुद्रा में है। भाजपा के अधिकतर विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं। अलबत्ता, पार्टी की ओर से उनको सतर्क व संगठन के संपर्क में बने रहने की हिदायत जरूर दी गई है। आगामी, चार व पांच अप्रैल को भाजपा अपने विधायकों को फिर से देहरादून भी बुला सकती है।
उत्तराखंड में सियासी संकट के इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस पार्टी को जहां राज्य में अपनी सरकार गंवानी पड़ी है, वहीं उसे अपने नौ विधायकों की बगावत का बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद प्रदेश में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की बढ़ती सक्रियता ने भी कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। यही वजह है कि कांग्रेस अपने विधायकों के साथ ही अन्य समर्थक विधायकों को भी सहेजने व एकजुट रखने की कवायद में व्यस्त है। वहीं, भाजपा लगभग निश्चिंत मुद्रा में नजर आ रही है।
बीते 31 मार्च को देहरादून में जुटे समस्त भाजपा विधायकों को हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले के बाद पार्टी ने अपने क्षेत्रों में जाने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद से भाजपा के अधिकतर विधायक निर्वाचन क्षेत्रों में डटे हैं। भाजपा की इस निश्चिंतता की कई वजह भी बताई जा रही हैं। माना जा रहा है कि केंद्र में भाजपा की सरकार होने व कुछ माह बाद उत्तराखंड में चुनाव के मद्देनजर भाजपा के किसी विधायक के कांग्रेस में जानी की संभावना लगभग क्षीण है। यह दीगर बात है कि विधायकों को हर पल सतर्क व प्रदेश संगठन के लगातार संपर्क में बने रहने के निर्देश जरूर दिए गए हैं।

भीमलाल आर्य 'पहुंच' से बाहर
सियासी संकट के इस घटनाक्रम में पार्टी विधायकों की एकजुटता को लेकर निश्चिंत भाजपा को निलंबित विधायक भीमलाल आर्य ने जरूर असहज कर दिया। घनसाली सीट से भाजपा विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामले में पहले ही पार्टी से निलंबित हो चुके हैं, मगर इसके बाद भी वह गत डेढ़ साल से निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ खड़े रहे। गत दिनों पार्टी विधायकों की दिल्ली परेड के दौरान भी वे हरीश रावत के साथ ही नजर आए। सूत्रों के मुताबिक भाजपा भीमलाल आर्य को एक अंतिम अवसर देने के मूड में है, मगर गत तीन दिन से भीमलाल अज्ञातवास पर हैं। उनका फोन भी पहुंच से बाहर चल रहा है। सूत्रों की मानें, तो उन्हें हिमाचल के सिरमौर जिले के किसी गुप्त स्थान पर शिफ्ट किया गया है।
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